Earn Money and Become Rich: धनतेरस के दिन चांदी का सिक्का खरीदना शुभ माना जाता है. चांदी का सिक्का खरदीने से कुबेर देव के साथ मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है. शुक्रवार का दिन मां लक्ष्मी को समर्पित होता है और इसी दिन साल 2023 में धनतेरस का त्योहार भी पड़ रहा है. धनतेरस के दिन यदि व्यक्ति केले के तने में या फिर बड़हल के फल में चांदी का सिक्का डालता है तो उसे कई प्रकार के लाभ की प्राप्ति होती है. इससे सुख और समद्धि का वास बना रहता है. जानें पेड़ में चांदी का सिक्का डालने की सही विधि.
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आखिर क्यों डालते हैं चांदी का सिक्का
Earn Money and Become Rich केले के तने या फिर बड़हल के फल में चांदी का सिक्का डालना शुभ माना जाता है. इस टोटके को धनतेरस के दिन किया जाए तो इसका फायदा दोगुना होता है. ऐसा करने से समृद्धि और सौभाग्य लाने में मदद मिलती है.
इस तरह पेड़ में डालें चांदी का सिक्का
धनतेरस के दिन बड़हल फल लें और उसके अंदर एक छोटे से चांदी के सिक्के को रखें या तो फिर केले के तने में भी इस सिक्के को डाल सकते हैं. इसके बाद हर दिन दीवाली तक इस पौधे में पानी जरूर डालें. यदि व्यक्ति ऐसा करता है तो उसे जीवन में सौभाग्य और अधिशेष लाने में मदद मिलती है.
धनतेरस के बाद सिक्के का क्या करें
दीवाली के बाद इन सिक्कों को केले के तने या बड़हल के फल से बाहर जरूर निकाल लें. अब इन सिक्कों को अंगूठी का आकार में बनवा लें और पहन लें. पर पहनने से पहले अंगूठी को कच्चे दूध और गंगा जल से जरूर धो लें. दीवाली के दिन इस अंगूठी की भी जरूर पूजा करें..
दीवाली की पूजा की विधि
दीवाली की पूजा में मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करने के दौरान ही बनाई गई इस अंगूठी की भी पूजा करें. वहीं पूर्णिमा की रात को अंगूठी की दोबारा पूजा कर के इसे दोबारा पहन लें. दीवाली पर पूजा के दौरान लक्ष्मी यंत्र को किसी समतल जगह पर रखें.अब पूजा करते हुए हाथ में कमल का फूल लेकर लक्ष्मी मंत्र का जाप करें. यह जाप भाई दूज के दिन तक कर सकते हैं.
वहीं इस मंत्र को धनतेरस के दिन अभिजीत मुहूर्त में 11 बार जपने के लिए बताया गया है. धनतेरस के दिन इस जाप को करने से पहले मां लक्ष्मी के अलावा भगवान विष्णु की पूजा करने के लिए बताया गया है. पूजा में हल्दी पाउडर और चावल का पाउडर को पानी में मिलाकर पेस्ट बना लें. इसी पेस्ट से त्रयोदशी तारीख को मेन गेट के सामने दरवाजे पर ओम की चीन्ह बनाएं. इसके बाद भगवान कुबेर की पूजा करें और कुबेर यंत्र को घर लाकर मंदिर में स्थापित करें.