कम खर्च में आसानी से होगा पानी ठंडा
आम लोगों के लिए होगी बेहद आसानी
बनारस। अब पानी ठंडा करने के लिए अधिक खर्च नहीं करना होगा। न फ्रिज की झंझट और न ही बर्फ खरीदकर बोतल में भरे पानी को ठंडा करने की चिंता। वजह, बनारस की एक छात्रा आंचल सिंह का अविष्कार है। आंचल ने एक ‘सोलर कूलिंग बोतल बेल्ट‘ का निर्माण किया है, जिससे यह अब संभव हो सकेगा।
बनारस की रहने वाली आंचल के पिता महाराष्ट्र के कल्याण में एक पेट्रोल पंप में कार्यरत हैं। उनकी यह बेटी वहां बीकॉम प्रथम वर्ष की छात्रा है। लेकिन इन दिनों काशी में। मेक इन इंडिया से प्रभावित अंचल ने गर्मी में पानी को ठंडा करने के लिए इस ‘सोलर कूलिंग बोतल बेल्ट‘ का निर्माण किया है।
इस सोलर बेल्ट डिवाइस को किसी भी पानी के बोतल या कोल्ड ड्रिंक्स के बोतल पर एक घड़ी की तरह बांध दिया जाता है। सोलर को धूप में रख कर बोतल के पानी को ठंडा किया जा सकता है।
इसका इस्तेमाल तेज धूप में मोटर साइकिल और साइकिल पर सफर करने वाले लोग आसानी से कर सकते हैं। कड़ी धूप में भी उन्हें पीने का ठंडा पानी मिलेगा। इस डिवाइस की मदद से अपने पास रखे पानी के बोतल को ठंडा कर सकते हैं। इसमें एक लीटर पानी को कूल करने में तकरीबन एक घंटे लगते हैं। जिसे आप इस्तेमाल कर सकते हैं।
इसकी तकनीकी बारीकियों के बारे में पूछे जाने पर आंचल ने बताया कि इस डिवाइस में सोलर कूलिंग फैन के साथ थर्मल कूलिंग प्लेट लगी है। यह पानी से भरे बोतल के ऊपर बेल्ट लगाते हैं। थर्मल कूलिंग प्लेट पानी की बोतल के बाहरी सतह से चिपक जाती है। उसके बाद कूलिंग बेल्ट से लगे सोलर को धूप मिलती है। वह बोतल में भरा पानी ठंडा करने लगती है। धूप जितनी तेज होगी उतना ही जल्दी पानी ठंडा होगा।
आंचल ने बताया कि इस डिवाइस को बनाने में दो माह का समय लगा है। तीन से चार हजार रुपये का खर्च है। इसलिए सबकी पहुंच में है। रेफ्रिजरेटर खरीदने को अनेक बार सोच विचार करने वाले मध्यम और निम्न वर्ग के लोगों के लिए यह वरदान है।
आंचल ने बताया कि इस डिवाइस में 6 वोल्ट सोलर प्लेट, थर्मल कूलिंग प्लेट, 6 वोल्ट कूलिंग फैन, रबर बेल्ट और बोतल का प्रयोग हुआ है। कूलिंग बेल्ट को और बेहतर बनाने के लिए मेरठ के एमआईईटी कॉलेज अटल कम्युनिटी इनोवेशन सेंटर ने मदद के लिए कहा है।
कालेज के वाइस चेयमैन पुनीत अग्रवाल का कहना है कि इस प्रकार के नवाचार को बढ़ावा देने के लिए हम सदैव तैयार रहते हैं। वैकल्पिक ऊर्जा के रूप में उपयोग की जाने वाली सोलर एनर्जी अब हमारी ऊर्जा की जरूरत का महत्वपूर्ण हिस्सा बनती जा रही है।
इसकी बढ़ती मांग को देखते हुए इस क्षेत्र में भी नए-नए प्रयोग हो रहे हैं। यह तो बहुत अच्छा अविष्कार है जो बिना बिजली के बोतल को ठंडा रखेगा। क्षेत्रीय वैज्ञानिक अधिकारी महादेव पांडेय ने आंचल के इस नवाचार की सराहना करते हुए कहा कि सोलर ऊर्जा पर्यावरण के लिए बहुत ही अनुकूल है। यह सिस्टम पूरी तरह सूर्य की रोशनी पर आधारित है और इससे कोई प्रदूषण नहीं होता। बिजली बिल से छुटकारा पाया जा सकता है। ऐसे इनोवेशन से काफी लोगों को फायदा होगा।