रायपुर डिवीजन इंश्योरेंस एम्पलाइज यूनियन
का 54 वॉ तीन दिवसीय वार्षिक अधिवेशन शुरू
भिलाई। रायपुर डिवीजन इन्श्योरेन्स एम्पलाइज यूनियन का 54 वॉ तीन दिवसीय वार्षिक अधिवेशन शनिवार 25 फरवरी को इस्पात नगरी भिलाई स्थित छत्तीसगढ़ी अग्रवाल समाज के प्रियदर्शनी परिसर नेहरू नगर स्थित भवन में आरंभ हुआ।Raipur Division Insurance Employees Union’s 54th three-day annual session begins
अधिवेशन का आगाज पूरे रायपुर मंडल से पहुंचे सैकड़ों बीमा कर्मियों ने रैली के साथ किया। अधिवेशन स्थल भवन से निकली इस रैली में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल हुए। बीमा उद्योग के निजीकरण, महंगाई, बेरोजगारी, सांप्रदायिकता व संविधान पर जारी हमलों के खिलाफ यह रैली निकाली गई। खुली सभा के मुख्य अतिथि व उद्घाटनकर्ता प्रख्यात अधिवक्ता, लेखक एवं विचारक कनक तिवारी ने कहा कि आम जनता से इस देश की मालिक है एवं आम नागरिकों को सरकार के विरोध का अधिकार है।
उन्होंने कहा कि यह भारत स्वतंत्रता आंदोलन के शहीदों का के सपनों का भारत नहीं है। देश के शहीदों ने न्याय व समानता घर आधारित समरसता पूर्ण समाज की कल्पना की थी। तमाम असहमतियों के बावजूद नेहरू सरकार ने एक धर्म निरपेक्ष भारत तथा सार्वजनिक उद्योगों की प्रधानता पर आधारित मिश्रित अर्थव्यवस्था का विकास किया था। लेकिन आज मोदी सरकार अंधाधुंध निजीकरण, सांप्रदायिक हथकंडों व कारपोरेट घरानों को छूट देकर देश को बर्बादी की ओर धकेल रही है।
अधिवेशन के विशेष अतिथि सेंट्रल जोन इंश्योरेंस एम्पलाइज एसोसिएशन के महासचिव धर्मराज महायान ने आम जनता को आश्वस्त किया कि एलआईसी में पॉलिसी का पैसा पूर्णत: सुरक्षित है। बीमा कर्मियों का आंदोलन आम जनता के हितों की रक्षा हेतु प्रतिबद्ध है। एलआईसी शेयर बाजार में चूकि दीर्घकालिक निवेश करती है इसलिये बाजार के तात्कालिक उतार-चढ़ाव उसके लिए चिंताजनक नहीं है।
उन्होंने एलआईसी सहित समस्त सार्वजनिक उद्योगों के निजीकरण के खिलाफ जारी संघर्ष को मजबूत बनाने का आह्वान किया। शुरूआत में स्वागत समिति के अध्यक्ष वरिष्ठ पत्रकार/लेखक मुहम्मद जाकिर हुसैन ने अधिवेशन की सफलता की कामना करते हुए सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण और भविष्य की परिस्थितियों पर अपनी बात रखी। अधिवेशन को सीटू नेता एसपी डे एवं एक्टू नेता बृजेन्द्र तिवारी ने संबोधित करते हुये देश, एकता, सार्वजनिक संस्थानों संविधान व लोकतंत्र को बचाने व्यापक संयुक्त आंदोलन छेड़ने का आव्हान किया।