रायपुर। Amrit Mission : भारत सरकार की महत्वाकांक्षी अमृत मिशन योजना में प्रदेश की कांग्रेस सरकार घोर लापरवाही बरत रही है। काम में प्रगति दिख नहीं रही है जनता तक पानी पहुंचाने मोदी सरकार सैकड़ों करोड़ दे रही है और यह भूपेश बघेल की सरकार पैसे तो सरकारी खजाने में रख रही है काम नहीं कर रही।
Amrit Mission : छत्तीसगढ़ विधानसभा में वरिष्ठ भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने यह आरोप ध्यानाकर्षण सूचना के माध्यम से लगाया है। बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि केंद्र की अमृत मिशन योजना का क्रियान्वयन दिसंबर 2022 तक राजधानी रायपुर में पूरा नहीं हो पाया है। टेंडर प्राप्त करने वाले और क्रियान्वयन करने वाले तक की मॉनिटरिंग आज नहीं हो रही है। सड़कों को खोदकर महीनों तक पाइप लाइन नहीं बिछाई जा रही, जिसके चलते वातावरण धूलमय हो रहा है लोग बीमार हो रहे हैं।
Amrit Mission : उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ के 11 छोटे शहरों कस्बों में नई पानी पाइप लाइन बिछाने के लिए अमृत मिशन के दूसरे चरण को मंजूरी दी थी इसके लिए 540 करोड़ का फंड स्वीकृत हुआ है जिन 11 कस्बों में प्रोजेक्ट रखा गया है उनमें से चार रायपुर से लगे हैं। दिसंबर 2022 तक की स्थिति में इसके लिए राज्य सरकार ने योजना तक नहीं बनाई है। जबकि इस योजना के तहत केंद्र सरकार इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे पानी की टंकी, वाटर ट्रीटमेंट प्लांट, बनाने के साथ घरों तक नल पहुंचाने की लागत का मूल्यांकन कर सहायता दे रही है।
Read More :प्रदेश के शिक्षित बेरोजगारों को मिलेगा 2500 रुपए प्रतिमाह की दर से बेरोजगारी भत्ता
Amrit Mission : इस अमृत मिशन योजना को लेकर बृजमोहन अग्रवाल ने नगरी निकाय मंत्री शिव कुमार डहरिया को घेरा आरोप लगाया कि इस योजना में जमकर भ्रष्टाचार हो रहा है।
2017 से 540 करोड़ मिले हैं अभी तक अमृत मिशन पूरा नहीं हुआ है। अगर राजधानी में सरकार के नाक के नीचे समय पर काम पूरा ना हो, भ्रष्टाचार हो और रायपुर शहर के लोग इसके कारण धूल खा रहे हो टीबी, अस्थमा के मरीज बन रहे हो यह दुखद है। लगातार समाचार पत्रों में आने के बाद भी सरकार ध्यान नहीं दे रही है।
उन्होंने कहा कि रायपुर जैसे शहर में पेयजल के मामले में सरकार लापरवाह है। आज भी टैंकर चलाने पड़ रहे हैं। उसमें भ्रष्टाचार का खुला खेल चल रहा है ठेकेदारों को सहयोग करके अपना जेब भर रहे हैं। शहर की पेयजल व्यवस्था को ध्वस्त कर रहे हैं। इस मुद्दे पर विभागीय मंत्री शिव डहरिया द्वारा उचित जवाब नहीं दिए जाने पर विपक्ष ने बहिर्गमन किया।