नई दिल्ली। आज हम आपको ले चल रहे हैं पूर्वी अफ्रीका, जहां की जनजातियों की परंपराओं को सुन कर आपके होश उड़ जाएंगे। इन्हें कहीं न कहीं आज के दौर में कुप्रथा भी कहा जा सकता है। बाकी दुनिया से अलग अपने ही समाज और कल्चर में ये जीवन जीते हैं। इनकी परंपराएं कब शुरू हुईं खुद इन्हें ही नहीं पता, लेकिन उनका पालन आज भी किया जा रहा है…
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पूर्वी अफ्रीका में आत्मा को शुद्ध करने के लिए विधवा को एक अजनबी इंसान के साथ रात गुजारनी होती है। इस रात के गुजरने के बाद ही वो दूसरी शादी कर सकती है। कहा जाता है कि इसके बाद वो शुद्ध हो जाती है।
बच्चों को परमिशन
यहां पापुआ न्यूगिनी जनजाति है। इसमें बच्चों को यौन संबंध बनाने की परमिशन है। बच्चे सेक्स कर सकते हैं वह भी अपनी मर्जी से, लेकिन इनमें एक नियम पक्का है कि शादी के बाद वो अपनी पत्नी से अपना भोजन नहीं बांट सकते।
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खा जाते हैं इंसानों का मांस
कहा जाता है कि यहां ऐसी भी जनजातियां हैं जो केवल मांस के शिकार पर जीवन यापन करती हैं। ये आदमी तक का मांस खा सकते हैं। पुरुषों का यही काम होता है। जंगलों में भटककर वो अपने भोजन का इंतजाम करते हैं और इसके लिए उन्हें रोज शिकार करना पड़ता है। ऐसी स्थिति में यदि इनके क्षेत्र में कोई इंसान आ जाए तो उसका बचकर निकलना मुश्किल है।
विवाह से पहले संतान
इसके अलावा इनका विवाह का रिवाज भी सबसे अलग है। विवाह मामले में कुछ स्थानों पर जब तक बच्चे पैदा नहीं हो जाते तब तक शादी नहीं होती। इनके यहां विवाहेत्तर संबंध पहले ही स्थापित कर लिए जाते हैं।