भेंट-मुलाकात में बेलौदी में ग्रामीणों से मिलने
पहुंचे भूपेश बघेल, आम जनता से किया संवाद
बालोद। अपने भेंट मुलाकात कार्यक्रम के तहत मुख्यमंत्री भूपेश बघेल हेलीकॉप्टर से 18 सितंबर रविवार को बालोद जिले के गुण्डरदेही विधानसभा क्षेत्र के ग्राम बेलौदी (हल्दी) पहुंचे। उन्होंने सबसे पहले बाज़ार चौक पहुंचकर ग्रामीणों की आस्था का केन्द्र शीतला मन्दिर एवं दुर्गा मंदिर पहुंचकर प्रदेशवासियों की खुशहाली और प्रगति के लिए पूजा अर्चना कर आशीर्वाद लिया। ग्रामीणों ने बताया कि यह शीतला मंदिर 70-75 साल प्राचीन है। इस दौरान मुख्यमंत्री ने मंदिर के पुजारी को पूजा के उपरांत पीत वस्त्र भेंट किये।
मुख्यमंत्री ने पूछा-योजनाओं का लाभ मिल रहा है कि नहीं, लोग बोले-मिल रहा
इसके उपरांत मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भेंट-मुलाकात स्थल पर पहुंचे। यहां अपनी बात शुरू करने से पहले उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा – “उत्साह ल कम करहु तभे तो गोठियाहु”। उन्होंने कहा कि पहले चरण में मैं बस्तर और सरगुजा, गौरेला पेंड्रा मरवाही गया फिर रायगढ़, अब आपके पास गया हूँ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज आपके बीच आकर बहुत खुशी हो रही है। बेलौदी में भेंट-मुलाकात में आकर अच्छा लग रहा है। मैं जानने आया हूँ कि आप सभी को योजनाओं का लाभ मिल रहा है या नहीं, जिस पर सबने एक स्वर में कहा-मिल रहा है। कबीर को उद्धृत करते हुए उन्होंने कहा कि निंदक नियरे राखिये। मैं जानना चाहता हूं कि क्या कमी रह गई है उसे भी दूर करेंगे।
भूपेश बोले- सास बहू साथ में रहो, कार्ड के लिए अलग होना सही नहीं
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस दौरान पूछा- किसका राशन कार्ड बना। लोगों ने कहा कार्ड बना है। एक हितग्राही के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सास बहू साथ में रहो, कार्ड के लिए अलग होना सही नहीं है।
इस दौरान हल्दी निवासी देववती साहू ने बताया कि हम 3 लोग हैं। नमक शक्कर, चांवल सब सस्ते दाम में मिल रहा है। मुख्यमंत्री ने पूछा – पहले मिल रहा था क्या जिस पर देववती ने जवाब दिया-आपके समय में कार्ड बना।
शत्रुघ्न ने बताया कि उसका 35 हजार का कर्ज माफ हुआ है। दो साल से राजीव गांधी किसान न्याय योजना का लाभ मिल रहा है।इस बीच शत्रुघ्न ने उत्साहपूर्वक “छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया” का नारा लगाया।
डोमार सिंह साहू ने बताया कि 3 लाख कर्ज माफ हुआ, 38 हजार रुपए का 4 से भी अधिक बार न्याय योजना का लाभ मिला है, इस पर मुख्यमंत्री ने पूछा-इतना अतिरिक्त पैसा मिला तो क्या किया। डोमार ने बताया कि बेटे की शादी की। मुख्यमंत्री ने चुटकी लेते हुए कहा कि लड्डू नहीं खिलाये भैया ! मुख्यमंत्री ने डोमार सिंह की बहु पूर्णिमा से पूछा-क्या लिया ससुर जी ने, तो बहु ने कहा कि मेरे लिए कार लेंगे।
सुपोषण योजना से बढ़ गया बच्चे का वजन, बताया एक मां ने
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना में जिन्होंने अभी तक पंजीयन नहीं कराया है, अपना नाम लिखा लें, साल का 7 हजार रुपये मिलेगा। भेंट-मुलाकात के दौरान गोमती साहू ने बताया कि मुख्यमंत्री सुपोषण योजना से मेरे बच्चे का वजन तेजी से बढ़ गया, मुख्यमंत्री ने उन्हें शुभकामना दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि एनीमिक महिलाओं के पोषण के लिए भी व्यवस्था है।
एक हितग्राही ने अपने दिव्यांग बच्चे की समस्या मुख्यमंत्री के समक्ष रखी, इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे सभी बच्चों के स्वास्थ्य के लिए हम कार्य कर रहे हैं। इन्हें विशेष स्कूल भेजें, इसके लिए जिलों में सुविधा है।
पानी-बिजली की व्यवस्था बेहतर करने दिए निर्देश
बेलौदी गांव के सरपंच शशिकला की मांग पर भाठागांव में पानी और बिजली की बेहतर व्यवस्था करने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अधिकारियों को निर्देश दिए। चंचल महिला समूह की सदस्य ने बताया कि उनके समूह ने 51 हजार रुपए का वर्मी कम्पोस्ट बेचा है जिससे 28 हजार रुपए की शुद्ध कमाई हुई है। उनके समूह ने 15 हजार रुपए के कीटनाशक बेचे हैं। इस दौरान समूह की महिलाओं ने मुख्यमंत्री से 10 साईकल की डिमांड की, जिस पर उन्होंने स्वेच्छानुदान के लिए तुरंत 50 हजार रुपए की स्वीकृत दे दी।
जब तक हमर कका हे, टेंशन नहीं है
इस दौरान भोलाराम साहू ने सोलर पंप की मांग की, उन्होंने बताया कि सर्दी की फसल लेनी है और उन्होंने समर्थन मूल्य में धान की खरीदी प्रति एकड़ 18 क्विंटल करने की मांग की। उनकी बात सुनकर लोगों ने खूब ताली बजाई। भोलाराम ने समर्थन मूल्य पर खुशी जताई। मुख्यमंत्री ने कहा कि सोलर पंप देंगे।
जब तक हमर कका हे, टेंशन नहीं है। नरेंद्र सिंह ने कहा- मैं हल्दी ग्राम से हूं। चिटफण्ड कंपनी ने मुझे लूट लिया, तो मुख्यमंत्री ने कलेक्टर से पूछा जिस पर कलेक्टर ने बताया – लगातार वसूली की कार्रवाई जारी है। मुख्यमंत्री ने बताया कि पहली बार चिटफण्ड कंपनियों के सैंकड़ों डायरेक्टर जेल में हैं। नागेश्वरी साहू ने कहा कि बेलौदी कॉलेज में अच्छी सुविधा नहीं है।लॉ नहीं है, भूगोल की कक्षा नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा-अच्छी शिक्षा के लिए हम प्रतिबद्ध हैं।
– मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों से पूछा-हाट बाजार मोबाइल वैन में कितना पैसा दिए? इस पर ग्रामीण ने कहा कि वो तो फोकट म हे, फोकट में दवाई तको मिलत हे ! मुख्यमंत्री ने कहा कि हम लोगों ने सबसे पहले किसानों की आय बढ़ाने पर कार्य किया, बड़े फैसले लिए। कोरोना की विपदा भी झेली, फिर भी विकास कार्य करते रहे। मनरेगा के कार्य, वनोपज खरीदी जैसे कार्य चलते रहे। कोरोना काल में भी अन्नदाता से किया वादा निभाते रहे, राजीव गांधी किसान न्याय योजना का लाभ लोगों को मिलता रहा।
आज किसानों से बातचीत की, लगा कि उनके जीवन में कितनी खुशहाली आई है। खेती का रकबा भी बढ़ा। खेती में लोग लौट आये हैं। किसान की जेब में पैसा आया है। इससे खेती किसानी समृद्ध हुई है। ग्रामीणों को आवारा मवेशियों से हो रही दिक्कत के बारे में मुख्यमंत्री ने विस्तार से बताया, फिर बताया कि किस तरह गौठान की संकल्पना को मूर्त रूप दिया गया। गोबर खरीदी आरम्भ हो गई। पहले कहते थे सब गुड़ गोबर हो गया। अब गोबर गुड़ हो गया है। उन्होंने बताया कि वर्मी कम्पोस्ट के उपयोग से फसल बढ़िया हो रही है। भूरा माहो के लिए भी जैविक कीटनाशक बहुत उपयोगी है। स्वस्थ रहने भी यह बहुत जरूरी है। मुख्यमंत्री ने कहा, आप लोगों के साथ बहुत आनंद आया।
स्कूल के दिनों की यादें ताजा हो गईं जब मुख्यमंत्री को मिल गए सहपाठी गंगूराम
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज भेंट मुलाकात के दौरान गुंडरदेही विधानसभा क्षेत्र के ग्राम बेलौदी पहुंचे। यहां पर उन्होंने स्थानीय सरपंच के दिवंगत पुत्र स्व. भूपेन्द्र सारथी के निज निवास पर शोक व्यक्त किया। इस दौरान उन्हें सेवानिवृत्त शिक्षक गंगूराम साहू मिल गए। मुख्यमंत्री ने उन्हें सहसा देखकर पूछा- “गंगूराम, तें इंहा कइसे, तोर गांव तो गुढियारी (पाटन) हरे ना? तब साहू ने बताया कि वह रिटायर हो गए हैं और अब वह इन दिनों अपने ससुराल (ग्राम बेलौदी) में रह रहे हैं।
इस पर मुख्यमंत्री ने मुस्कुराते हुए अपने पास बुला लिया। दोनों सहपाठी ने आपस में संक्षिप्त चर्चा करते हुए स्कूल के दिनों की याद ताजा की। साहू ने आश्चर्य प्रकट करते हुए कहा कि इतने दिनों बाद भी स्कूल के दिनों की बातें याद हैं, जबकि आज प्रदेश के मुखिया के तौर पर उनकी दिनचर्या बेहद व्यस्त रहती है।
उन्होंने यह भी कहा कि वास्तव में मुख्यमंत्री आज भी जमीन से जुड़े हुए हैं और सहपाठियों के नाम आज भी याद हैं। साहू ने यह भी बताया कि जिस स्कूल (मिडिल/हायर सेकंडरी स्कूल मर्रा) में पढ़ाई की। वहीं पर उन्होंने शिक्षक के तौर पर अपनी सेवाएं भी दी। इस पर मुख्यमंत्री ने उनके कंधे पर थपकियां लगाकर कहा कि यह बात उन्हें पहले से ही पता है।
63 वर्षीय श्री गंगूराम साहू ने बताया कि शासकीय मिडिल स्कूल व हाई स्कूल मर्रा में कक्षा छठवीं से 12वी तक वे मुख्यमंत्री के सहपाठी रहे। उन्होंने यह भी बताया कि उस समय मुख्यमंत्री काफी मेधावी छात्र तो थे ही, साथ में वे अधिकारों को लेकर बेहद जुझारू भी रहे। हाई स्कूल की पढ़ाई के दौरान वे (मुख्यमंत्री) छात्र संघ के अध्यक्ष भी रहे। संभवतः उनके उत्कृष्ट नेतृत्व की नींव इसी स्कूल में पड़ी।
स्कूल के दिनों के सखा, जो आज मुख्यमंत्री बनकर प्रदेश की सेवा कर रहे हैं उनकी शालीनता, सादगी और सहृदयता को देखकर वृद्ध गंगूराम भाव विह्वल हो गए।