विश्व पर्यटन दिवस पर टूरिज्म कान्क्लेव 2022 में शामिल हुए मुख्यमंत्री बघेल
रायपुर। एक समय था जब छत्तीसगढ़ का नाम लेते हुए लोगों के जेहन में सिर्फ खनिज संसाधन और नक्सलियों का ख्याल आता था, लंबे समय तक छत्तीसगढ़ का पर्यटन उपेक्षित रहा और नया राज्य बनने के बाद भी पूरा ध्यान सिर्फ नक्सल समस्या पर ही था।
जबकि छत्तीसगढ़ में इतना सब कुछ है कि सिर्फ प्रकृति से मिले उपहारों को ही हम व्यवस्थित कर लें तो यह स्थान पर्यटकों की पहली पसंद बन जाएगा और हमारी सरकार इसी बात पर निरंतर काम कर रही है।
यह उद्बोधन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर मंगलवार 27 सितंबर को रायपुर में आयोजित टूरिज्म कान्क्लेव 2022 के दौरान कही।
राजीव गांधी मितान क्लब के सदस्यों
को पर्यटन संबंधी प्रशिक्षण दिलाएंगे
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक बड़ी घोषणा करते हुए राजीव गांधी मितान क्लब के सदस्यों को पर्यटन संबंधी प्रशिक्षण दिलाने की बात कही है।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि छत्तीसगढ़ के युवा जब पर्यटन के प्रति जागरूक होंगे तो प्रदेश के पर्यटन को और ज्यादा बढ़ावा मिलेगा। मुख्यमंत्री ने अपने उद्बोधन में कहा है कि छत्तीसगढ़ एक ऐसा प्रदेश है जिसकी गैर मौजूदगी में रामायण जैसी पौराणिक कथा भी अधूरी रह जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान श्रीराम ने अपने वनवास का अधिकतर समय छत्तीसगढ़ में ही गुजारा और यहीं पर उनकी मां कौशल्या निवास करती थीं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरी दुनिया में छत्तीसगढ़ ही एक मात्र ऐसा राज्य है जहां देवताओं को भी सजा देने का प्रावधान है, लिहाजा छत्तीसगढ़ के बारे में पूरी दुनिया को बताने की जरूरत है ताकि लोग यहां की सभ्यता और संस्कृति को जानें।
पर्यटन को बढ़ावा देने निरंतर
काम कर रही सरकार
आज #WorldTourismDay के अवसर पर रायपुर में आयोजित टूरिज्म कॉन्क्लेव 2022 में उपस्थित हुआ।
इस दौरान निम्न अनावरण एवं विमोचन किए:
✅ छत्तीसगढ़ के टायगर बॉय चेंदरू की मूर्ति का अनावरण
✅ चेंदरू और उसके टाइगर मित्र टेंबू की टॉकिंग कॉमिक्स
✅ कथक भाव पर आधारित राज्यगीत का वीडियो pic.twitter.com/GvR2n57aLm
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) September 27, 2022
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में पर्यटन की असीम संभावनाएं हैं। कोरोना काल होने के बाद भी उनकी सरकार ने छत्तीसगढ़ के पर्यटन स्थलों तक पहुंचने और वहां ठहरने के इंतजाम में बढ़ोत्तरी की है ताकि पर्यटकों को ज्यादा से ज्यादा सहूलियत मिल सके।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि छत्तीसगढ़ के समृद्ध परंपरा को दुनिया के मानचित्र में लाने की जरूरत है और इसके लिए छत्तीसगढ़ के पास सब कुछ है जिसे अपनाते हुए पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए वर्तमान सरकार निरंतर काम कर रही है।
सबसे ऊंची चोटी गौरलाटा को भी
पर्यटन के लिहाज से विकसित करेंगे
इस मौके पर राज्य के पर्यटन मंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति प्रकृति से जुड़कर रहना चाहता है और छत्तीसगढ़ पर्यटन विभाग इसी दिशा में काम कर रहा है।
साहू ने कहा कि कोरोना संकट होने के बाद भी छत्तीसगढ़ में ट्राइबल टूरिज्म सर्किट तैयार किया गया और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर राम वन गमन परिपथ पर भी काम शुरू किया गया।
संसदीय सचिव चिंतामणि सिंह से मिले सुझाव को स्वीकार करते हुए पर्यटन मंत्री साहू ने प्रदेश की सबसे ऊंची चोटी गौरलाटा को भी पर्यटन के लिहाज से विकसित करने के लिए ध्यान देने की बात कही है।
यहां उल्लेखनीय है कि बलरामपुर जिले के चांदो वन परिक्षेत्र में गौरलाटा स्थित है। यहां पर वाच टावर बनाने का निर्णय वन विभाग ने लिया है।
जंगल पहाड़ से घिरे गौरलाटा तक पहुंचने का अभी रास्ता नहीं है। गौरलाटा से छत्तीसगढ़ और झारखंड की सीमा पर स्थित बड़े वन क्षेत्र की खूबसूरती नजर आती है।बलरामपुर जिले के चांदो क्षेत्र के इदरीपाठ गांव से गौरलाटा तक पहुंचा जा सकता है।
पर्यटन मंडल के अध्यक्ष अटल श्रीवास्तव ने टूरिज्म कान्क्लेव में अपनी बात रखते हुए कहा कि आज युवा वर्ग की मांग को ध्यान देने की आवश्यकता है क्योंकि ज्यादातर युवा पर्यटन को पसंद करने लगे हैं।
श्रीवास्तव ने कहा है कि पर्यटन मंडल द्वारा छत्तीसगढ़ में एग्रो टूरिज्म को बढ़ावा देने का प्रयास किया जा रहा है ताकि लोग गांव और किसानों से भी जुड़ सकें।
इस मौके पर संसदीय सचिव चिंतामणि सिंह, पाठ्य पुस्तक निगम के अध्यक्ष श्रीशैलेष नितिन त्रिवेदी, खनिज न्यास बोर्ड के अध्यक्ष गिरिश देवांगन, छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल की उपाध्यक्ष चित्रलेखा साहू, पर्यटन विभाग के सचिव अनबलगन पी और पर्यटन विभाग के एमडी अनिल साहू भी उपस्थित थे।
पर्यटन मंडल का प्रतीक होगा टाइगर ब्वाय चेंदरू, कामिक्स से भी करेंगे जागरुक
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस मौके पर छत्तीसगढ़ के मोगली कहे जाने वाले टाइगर ब्वाय चेंदरू की मूर्ति का अनावरण किया। इस मूर्ति में चेंदरू के साथ उसका टाइगर मित्र टेंबू भी है।
इस प्रतिमा के अनावरण के साथ ही पर्यटन मंडल ने चेंदरू और टेंबू टाइगर को स्मृति चिन्ह के रूप में मुख्यमंत्री को भेंट दिया। पर्यटन मंडल पूरे देश में छत्तीसगढ़ के पर्यटन को बढ़ाने के लिए इस स्मृति चिन्ह का प्रयोग करेगा।
इस अवसर पर बच्चों को भी छत्तीसगढ़ के पर्यटन क्षेत्र से जोड़ने और बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री ने एक टाकिंग कामिक्स को लांच किया गया।
इस कामिक्स में चेंदरू और टेंबू को छत्तीसगढ़ के पर्यटन आइकान के रूप में दर्शाया गया है। इस कामिक्स के माध्यम से पूरे देश के बच्चों को छत्तीसगढ़ के पर्यटन के प्रति जागरूक किया जाएगा।
https://www.youtube.com/watch?v=39X0R9aEp-U