नई दिल्लीः Jammu-Kashmir Election Date जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए निर्वाचन आयोग ने तारीखों का ऐलान कर दिया है। जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों में चुनाव होगा। पहले चरण के लिए 28 अगस्त को पहले चरण के चुनाव के लिए नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा। पहले चरण के लिए 18 सितंबर को वोट डाले जाएंगे। दूसरे चरण के लिए 29 सितंबर को नोटिफिकेशन जारी होगा और वोटिंग 25 सितंबर को होगी। तीसरे चरण के लिए 1 अक्टूबर को वोट डाले जाएंगे जबकि चुनाव के नतीजे 4 अक्टूबर को सामने आएंगे।
Jammu-Kashmir Election Date चीफ इलेक्शन कमिश्नर राजीव कुमार, ‘लोकसभा चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुए। देशभर ने चुनाव का पर्व मनाया। लंबी कतारें, बुजुर्ग, यूथ वोट डालने गए। लोकतंत्र का जीवित उदाहरण देश ने देखा। जो तस्वीर भारत ने दुनिया को दिखाई, वो चकित करने वाली थीं। जो चमक हमने देखी, वो बहुत दिन तक दिखाई देगी। जब भी कहीं दुनिया में चुनाव होंगे, आपको अपने देश की याद आएगी और हमारी ताकत की याद दिलाती रहेगी।’ उन्होंने कहा, ‘जम्मू-कश्मीर में हमने जिनसे, राजनीतिक दलों से बात की, सबका मत था कि जल्द से जल्द चुनाव हों। आपको याद है कि मतदान केंद्र पर जो लंबी कतारें लगी थीं, वो जम्हूरियत की ताकत थी। उम्मीद और जम्हूरियत की झलक बताती है कि अवाम अपनी तकदीर खुद बदलना चाहते हैं। लोग चाहते हैं कि खुद देश का भविष्य बदलने का हिस्सा बने।’
चुनाव आयोग की पीसी की बड़ी बातें
जम्मू-कश्मीर में वोटरों की संख्या 87.09 लाख है। इसमें 20 लाख से ज्यादा युवा मतदाता है। कुल पोलिंग स्टेशन की बात करें तो इसमें 11838 बूथ होंगे। 74 सामान्य सीटें, 7 एससी और 9 एसटी सीटें हैं।
चुनाव आयोग ने कहा कि लोकसभा चुनाव में जम्मू-कश्मीर के पोलिंग बूथों पर जो लंबी तस्वीरें दिखीं वो आवाम की ताकत को बता रही थीं।
जम्मू-कश्मीर के लोगों ने बुलेट और बॉयकाट के बदले बैलेट को चुना। केंद्र शासित प्रदेश में लोकतंत्र पर विश्वास बढ़ा है।
चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि आम चुनाव में जो तस्वीरें भारत ने दिखाई वो पूरी दुनिया को चकित करने वाले रहे हैं। जब-जब विश्व में चुनाव होंगे, तो आपको निश्चित रूप से अपने चुनाव की तुलनात्मक याद आती रहेगी।
जम्मू-कश्मीर में इससे पहले 2014 में विधानसभा चुनाव हुए थे। तब 87 सीटें थी, लेकिन अब परिसीमन के बाद केंद्र शासित प्रदेश में सीटों की संख्या बढ़कर 90 हो गई है। ये वो दौर था जब जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 नहीं हटा था।