रायपुर: राज्य में नए डीजीपी की नियुक्ति की अटकलों के बीच खबर आ रही है कि राज्य सरकार डीजीपी अशोक जुनेजा के कार्यकाल में बढ़ोतरी कर सकती है. उच्च पदस्थ सूत्र बताते हैं कि सरकार जुनेजा को छह माह का एक्सटेंशन दिए जाने पर विचार कर रही है. चर्चा कहती है कि एक्सटेंशन दिए जाने की मंजूरी के लिए राज्य सरकार केंद्र सरकार को चिट्ठी लिखने की तैयारी कर रही है. एक्सटेंशन दिए जाने के राज्य के प्रस्ताव पर केंद्र सरकार की मंजूरी अनिवार्य है. डीजीपी के तौर पर अशोक जुनेजा का कार्यकाल 5 अगस्त को खत्म हो रहा है. 5 अगस्त 2022 को उन्हें पूर्णकालिक डीजीपी बनाया गया था. सूत्र बताते हैं कि गृह विभाग ने नए डीजीपी के लिए नामों का पैनल केंद्र सरकार को भेजने की तैयारी कर ली थी. पैनल में भेजे गए नामों में से किसी एक नाम पर केंद्र सरकार की मुहर लगती. इन नामों में अरुण देव गौतम और हिमांशु गुप्ता के नाम प्रमुख रूप से शामिल थे. इसके अलावा पवन देव भी एक मजबूत चेहरे के रूप में देखे जा रहे थे. पैनल भेजे जाने की प्रक्रिया आगे बढ़ती इससे पहले इसे रोक दिया गया.
एक्सटेंशन के पीछे की वजह
अशोक जुनेजा के रिटायर होने के बाद उनकी सेवा वृद्धि किए जाने की संभावना के पीछे कई वजह गिनाई जा रही है. राज्य में भाजपा सरकार के काबिज होने के बाद से नक्सल मोर्चे पर मिल रही सफलता एक बड़ी वजह है. बीते छह महीने में करीब डेढ़ सौ नक्सली मारे जा चुके हैं. बड़ी तादाद में नक्सलियों ने सरेंडर किया है. अर्धसैनिक बलों के साथ राज्य पुलिस के बीच समन्वय का असर है कि नक्सल मोर्चे पर पहली बार बड़ी सफलता मिल रही है. कहते हैं कि जुनेजा को एक्सटेंशन दिए जाने की संभावना के पीछे इस विषय को ही आधार बनाया जा रहा है. साय सरकार नक्सलवाद के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाए हुए है. कहते हैं कि डीजीपी बदलने से समन्वय में किसी तरह की संभावित अनदेखी पर सरकार कोई रिस्क उठाना नहीं चाहती.
1989 बैच के आईपीएस अधिकारी अशोक जुनेजा सरल, सहज और गंभीरता से अपने काम के लिए पहचाने जाते हैं. सेंट्रल डेपुटेशन पर भी काम करने का अच्छा खासा तर्जुबा उनके हिस्से है. जुनेजा रमन सरकार में इंटेलिजेंस चीफ के रूप में भी काम संभाल चुके हैं. बिलासपुर, दुर्ग और रायपुर में एसपी के रूप में जिम्मेदारी संभाल चुके हैं. गृह सचिव के रूप में भी उन्होंने कार्यभार संभाला है. ट्रांसपोर्ट कमिश्नर, खेल संचालक की हैसियत से भी जुनेजा काम कर चुके हैं. पुलिस मुख्यालय में रहते हुए उन्होंने सशस्त्र बल, एडमिनिस्ट्रेशन, ट्रेनिंग जैसी जिम्मेदारी निभाई है. सेंट्रल डेपुटेशन के दौरान जुनेजा नारकोटिक्स में काम कर चुके हैं. साथ ही कॉमनवेल्थ गेम्स के दौरान उन्होंने सुरक्षा प्रमुख की जिम्मेदारी संभाली है.