रायपुर: Raipur Fire Update राजधानी के गुढ़ियारी इलाके में स्थित बिजली कंपनी CSPDCL के मुख्य गोडाउन में आग लगने से चार हजार ट्रांसफॉर्मर, मीटर, कंडक्टर, वायर और ऑयल जलकर खाक हो गया। इस घटना में बिजली कंपनी को 400 करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान हुआ है। शुक्रवार की दोपहर 1.30 बजे लगी भीषण आग पर रात 11 बजे तक 30 से 40 फायर ब्रिगेड काबू पा सकीं। देर रात तक एसएसपी, कलेक्टर, फायर फाइटिंग प्रभारी और जिला प्रशासन के अधिकारी मौके पर मौजूद रहे। देर रात भी हल्की लपटों को बुझाने का काम चलता रहा। इलाके की बिजली भी बंद कर दी गई थी।
Raipur Fire Update साढ़े 3 एकड़ में फैले इस गोदाम का लगभग पूरा हिस्सा आग की चपेट में आ गया था। शुक्रवार देर शाम मौके पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि जो नुकसान हुआ है उसका आकलन किया जाएगा। आग कैसे लगी इसकी भी जांच कराई जाएगी। गोदाम में लगी आग से वहां रखे ट्रांसफॉर्मर पटाखे की तरह फटने लगे। जैसे-जैसे आग बढ़ी तो दूर-दूर तक आसमान में धुएं का गुबार दिखने लगा। पुलिस ने 3 किलोमीटर के दायरे को खाली कराते हुए रास्ता ब्लॉक कर दिया था। इसके अलावा आसपास के घर भी खाली कराए गए। अग्निकांड से पीड़ित परिवारों को राहत पहुंचाने की कोशिश भी की जा रही है। शनिवार को 40 परिवारों को 3 लाख 60 हजार रुपए की राहत राशि बांटी गई है।
ट्रांसफॉर्मर की एक चिंगारी से इतना बड़ा हादसा
गोदाम के एक कर्मचारी ने नाम न छापने की शर्त पूरी घटना बयान की। उसने बताया, कि वह बाहर था। इस दौरान दोपहर डेढ़ बजे तेज धमाका हुआ। आवाज सुनकर सभी लोग अंदर की तरफ दौड़े, तो देखा, कि ट्रांसफार्मर से निकली चिंगारी, वहां से कुछ दूरी पर पड़े ड्रम में जाकर गिरी। जब तक हम लोग कुछ समझ पाते ड्रम सुलगने लगे और धमाके होने लगे। जिस तरफ धमाके हो रहे थे, उससे कुछ दूरी पर बड़ी संख्या में इंजन ऑयल से भरे ड्रम रखे थे। इन ड्रमों को वहां पर मौजूद कर्मचारियों ने धकेलकर स्टोर से बाहर निकालना शुरू किया। कुछ ड्रमों के ढक्कन खोल दिए। आग बढ़ने लगी, तो सभी कर्मचारी बाहर सड़क की तरफ निकल आए। आग की लपटें देखकर भीड़ जमा होने लगी, इतने में पुलिस भी पहुंच गई। भीड़ को स्टोर की बाउंड्री से बाहर किया गया। इस दौरान विभागीय अधिकारी और फायर ब्रिगेड की टीम पहुंच गई और आग बुझाने लगी।
फायर फाइटिंग सिस्टम नहीं होने से बढ़ी आग
बिजली कंपनी के सूत्रों के मुताबिक जिस गोडाउन में आग लगी, वहां पर करोड़ों का सामान रखा हुआ है। सामान तो रख दिया, लेकिन उसकी सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं किए गए। भंडार गृह को बाउंड्री ब्लॉक कराकर अफसरों ने DE के भरोसे छोड़ दिया। यहां फायर फाइटिंग उपकरण के इंतजाम नहीं है। उपकरण नहीं होने से गोडाउन में मौजूद कर्मचारी आग बुझाने की कोशिश भी नहीं कर पाए और आग बढ़ती गई।
धमाकों से दहशत, लोग सिलेंडर लेकर घर से भागे
गोडाउन से कुछ दूरी पर पर रहने वाले उइके परिवार के सदस्यों ने बताया, कि दोपहर डेढ़ बजे पहला धमाका हुआ। बाहर आकर देखा तो धुंआ निकल रहा था। कुछ देर बाद तीन से चार धमाके हुए और स्टोर के अदंर बड़ी लपटें दिखने लगीं। आग की तपिश बर्दाश्त से बाहर हो रही थी। इसी बीच फायर ब्रिगेड की गाड़ी आई और आग बुझाने की कोशिश में जुट गई। इसी बीच किसी ने कहा, कि आग की तपिश से घर में रखे सिलेंडर फट सकते हैं। यह सुनकर आस-पास रहने वाले लोग घरों से सिलेंडर निकालकर भागने लगे। कुछ लोग आग लगने के डर से पैसे, ज्वेलरी को कपड़े में बांधकर निकलने लगे थे।