Chhattisgarh : छत्तीसगढ़ में 58 फीसदी आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला आया है। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के 58 फीसदी आरक्षण को अंसवैधानिक करार देते हुए यह फैसला दिया है। इस फैसले के बाद अब छत्तीसगढ़ में 58 प्रतिशत आरक्षण के आधार पर भर्ती हो सकेगी। छत्तीसगढ़ में आरक्षण को लेकर कई भर्तियां अटकी हुई हैं। सुप्रीम कोर्ट ने तुरंत भर्ती और प्रमोशन के आदेश दिए हैं। वहीं, छत्तीसगढ़ सरकार के महाधिवक्ता ने कहा कि हाईकोर्ट के रोक का हटना बड़ा कदम है। इससे अब भर्तियां हो सकेगी।
Chhattisgarh : छत्तीसगढ़ के युवाओं के खिलाफ भाजपा के षड्यंत्र के विरूद्ध हमारा संघर्ष जारी
इधर, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 58 फीसदी आरक्षण पर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत किया है। सीएम भूपेश ने सोशल मीडिया पर ट्वीट करते हुए लिखा है कि 58 प्रतिशत आरक्षण पर हाईकोर्ट के फैसले पर सर्वोच्च न्यायालय द्वारा रोक लगाने के निर्णय का हम सब स्वागत करते हैं। पर छत्तीसगढ़ के युवाओं के खिलाफ भाजपा के षड्यंत्र के विरूद्ध हमारा संघर्ष जारी रहेगा। राज्यपाल नए विधेयक पर हस्ताक्षर करें तभी सही न्याय मिलेगा।
Chhattisgarh : आबादी के अनुसार आरक्षण देने को भी गलत माना
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट (Chhattisgarh ) ने यहां लागू 58 प्रतिशत आरक्षण को लेकर महत्वपूर्ण फैसला करते हुए इसे खारिज कर दिया था। छत्तीसगढ़ सरकार ने 2012 में 58 फीसदी आरक्षण की अधिसूचना जारी की थी, जिसे हाई कोर्ट ने रद्द कर दिया था। कोर्ट ने कहा कि आरक्षण को 50 से बढ़ाकर 58 फीसदी करना असंवैधानिक है। कोर्ट ने आबादी के अनुसार आरक्षण देने को भी गलत माना है। इस अधिसूचना के बाद प्रदेश में सारी सरकारी नियुक्तियां इसी आधार पर हुईं। महाधिवक्ता ने कहा कि चूंकि कोर्ट ने इन नियुक्तियों को लेकर कुछ नहीं कहा है, इसलिए ये यथावत रहेंगी। जिसके बाद इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी।