रायपुर। फर्जी हस्ताक्षर कर दूसरे की करोड़ रुपए की जमीन बेचने के लिए सीमांकन कराने का फर्जीवाडा़ उजागर हुआ है। इस खेल में अज्ञात आरोपियों द्वारा सिंडीकेट बनाकर साजिश रची गई थी लेकिन, रायपुर कलेक्टर के आदेश पर तहसीलदार द्वारा त्वरित जांच किए जाने पर प्रकरण का खुलासा हो गया। जिसके बाद आवेदन को निरस्त कर पटवारी और आरआई से प्रतिवेदन मंगवाया गया है। यह फर्जीवाड़ा पूर्व शासकीय लोक अभियोजक राजेन्द्र जैन और परिजनों की जमीन का किया जा रहा था लेकिन, समय रहते शिकायती आवेदन पर जांच कर एक्शन लिए जाने के बाद अज्ञात जमीन दलाल फरार हो गए।
यह है मामला
समता कॉलोनी निवासी पूर्व शासकीय लोक अभियोजक की वृद्ध मां जयंती जैन और उनके परिजनों ने 2007-08 में डुमरतालाब में 10600 वर्गफीट(0.097 हेक्टेयर) जमीन खरीदी थी। मुख्य मार्ग स्थित जमीन पर पिछले काफी समय से भूमाफियाओं की नजर थी। इसे फर्जी तरीके से खरीद-फरोख्त करने के अज्ञात जमीन दलालों ने फर्जी हस्ताक्षर कर आवेदन लगाया। इसके बाद स्थानीय पटवारी और आरआई निरीक्षण करने के लिए पहुंचे। इसकी जानकारी तक भूस्वामी को नहीं हुई। बिना किसी सूचना और समंस जमीन की नापजोख करने टीम के पहुंचने पर भूस्वामी भागते हुए पहुंचे। जहां उन्हें इसकी जानकारी मिली।
आजीवन कारावास की सजा
वरिष्ठ अधिवक्ता फैजल रिजवी ने बताया कि किसी भी दस्तावेज में फर्जी हस्ताक्षर करना अपराध की श्रेणी में आता है। इस गंभीर अपराध में आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान है।