नारायणपुर। देश के सबसे बड़े नक्सली बसव राजू के अबूझमाड़ में मारे जाने के छह दिन के बाद नक्सलियों का पर्चा आया। सोमवार को दण्डकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी के प्रवक्ता विकल्प ने पर्चा जारी कर कहा कि हमारे ही छह लोगों की गद्दारी की वजह से बसव राजू को मारा गया। यह सब कुछ पिछले छह महीने से चल रहा था। रणनीति के तहत पहले हमारे माड़ में सक्रिय लोगों को तोड़ा गया।
उन्होंने जब सरेंडर किया तो उनके इनपुट के आधार पर ही ऑपरेशन को लॉन्च कर बसव राजू समेत 28 लोगों को ढेर कर दिया गया। बसव राजू के मारे जाने से पहले भी दो बार माड़ में उसकी तलाश में ऑपरेशन लॉन्च करने की बात विकल्प ने कही। विकल्प ने एक और खुलासा करते हुए बताया कि मुठभेड़ में 27 नहीं कुल 28 नक्सली मारे गए हैं। एक नक्सली नीलेश का शव बचे हुए नक्सली अपने साथ ले गए। मुठभेड़ में कुल 35 नक्सली शामिल थे। 7 नक्सली सुरक्षित बच निकले। विकल्प ने आरोप लगाया कि फोर्स ने मारे गए नक्सलियों की गलत सूची जारी की है।
60 गार्ड रहते थे बदले हालात की वजह से 35 थे
विकल्प ने यह भी कहा कि बसव राजू ने ही शांतिवार्ता और सीजफायर का सुझाव दिया था। उसने यह भी कहा कि बसव राजू के साथ 60 गार्ड हमेशा रहते थे लेकिन बदले हालात की वजह से अंतिम समय में 35 ही गार्ड थे। इस बीच कुछ लोगों ने सरेंडर भी कर दिया और वही लोग बसव राजू के मारे जाने का कारण भी बने। विकल्प ने लिखा है कि हमें अंदेशा हो गया था कि फोर्स एनकाउंटर कर सकती है लेकिन बसव राजू माड़ से बाहर निकलने को तैयार नहीं हुए।