रायपुर : बिरनपुर हिंसा के बीच अब पुलिस-प्रशासन भी अलर्ट हो गया है। जानकारी के अनुसार सोशल मीडिया और मैसेंजर एप पर फेक पोस्ट व अफवाह फैलाने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्हें गिरफ्तार कर ऐसी धाराओं के तहत केस दर्ज किया जाएगा कि कोर्ट से उन्हें जेल भेजा जा सके। वहीं, पुलिस ने इसके लिए हेल्पलाइन नंबर 9479191099 जारी किया है। इसमें कोई भी लोग ऐसे पोस्ट को लेकर शिकायत कर सकते हैं, जिस ग्रुप या एप में ऐसा पोस्ट होगा। उसके एडमिन पर भी कार्रवाई की जाएगी।
रायपुर पुलिस ने हेल्पलाइन जारी करने के साथ सोशल मीडिया में बने ग्रुप एडमिन से अपील है कि किसी भी वाट्सएप और मैसेंजर ग्रुप में इस तरह का मैसेज या पोस्ट आने पर उसे तुरंत हटा दिया। पोस्ट करने वाले को ग्रुप से बाहर करें। पुलिस को भी इसकी सूचना दें। अगर पुलिस के पास शिकायत आई तो तुरंत कार्रवाई की जाएगी। साइबर सेल की टीम ने सोशल मीडिया पर निगरानी शुरू कर दी है। पुलिस के अनुसार एक छोटा पोस्ट शांति भंग कर सकता है। माहौल खराब कर सकता है। इसलिए लोगों को सचेत और सजग रहने की जरूरत है। किसी भी पोस्ट को वायरल न करें।
सोशल मीडिया में अपवाह फैलाने पर कोई डारेक्ट धारा ही नहीं
भारतीय कानून के तहत ऐसी कोई डायरेक्ट धारा नहीं है, जो सोशल मीडिया पर किसी भी भ्रामक, अफवाह फैलाने वाली, झूठी या भ्रामक पोस्ट को शेयर करने, फॉरवर्ड करने, साझा करने पर यूजर पर लगती हो। हालांकि ऐसे दूसरे प्रावधान हैं, जो आईटी एक्ट और आईपीसी के तहत आपराधिक दायित्व तय करते हैं। इलेक्ट्रॉनिक रूप में किसी भी आपत्तिजनक और अश्लील सामग्री को पब्लिश करने पर आईटी एक्ट की धारा 67 के तहत कार्रवाई और दंड का प्रावधान है। इसके तहत किसी भी व्यक्ति की सजा को 3 सालों तक बढ़ाया जा सकता है. सिर्फ जेल ही नहीं दोषी के ऊपर जुर्माने का भी प्रावधान है।