गरियाबंद। चंपारण धाम के आसपास की जमीन पर 32 साल से मालिकाना हक के लिए भटक रहे 10 किसानों को राहत मिल गई है। सांसद बृजमोहन अग्रवाल की तत्परता और भाजपा नेता टीकम चंद साहू के प्रयासों से यह संभव हो पाया। बता दें कि 1992 में श्री महाप्रभुजी प्राकट्य बैठक जी ट्रस्ट ने मंदिर निर्माण के लिए किसानों से कृषि भूमि दान और खरीदी के माध्यम से ली थी।
उस वक्त गवाह सहित एग्रीमेंट और भुगतान तो हो गया, लेकिन जमीन ट्रस्ट के नाम होने के कारण कलेक्टर की अनुमति जरूरी थी, जो नहीं मिल पाई। किसानों ने तहसील से लेकर कलेक्टर कार्यालय तक सालों दौड़ लगाई। कोई समाधान नहीं मिला। आखिर में मामला ठंडे बस्ते में चला गया। हाल ही में टीकम चंद साहू किसानों को लेकर सांसद बृजमोहन अग्रवाल से मिले।
सांसद ने कलेक्टर डॉ. गौरव कुमार को निर्देश दिए। महज 5 महीनों में पंजीयन और प्रमाणीकरण की प्रक्रिया पूरी हो गई। अब इन किसानों को कृषि भूमि की ऋण पुस्तिका (किसान किताब) मिल गई है। इससे वे सरकारी योजनाओं और बैंक ऋण जैसी सुविधाओं का लाभ ले सकेंगे।