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Shardiya Navratri 2023: आखिर क्यों मनाई जाती है नवरात्री? बेहद कम लोग ही जानते हैं इसका इतिहास

Shardiya Navratri Significance: मां दुर्गा की आराधना के विशेष नौ दिनों यानी नवरात्रि का आरंभ 15 अक्टूबर रविवार से होने जा रहा है. मान्यता है कि इन नौ दिनों में जो भी भक्त मां (Goddess Durga) की सच्चे हृद्य और भक्तिभाव से आराधना करते हैं मां दुर्गा उनके सारे कष्ट हर लेती हैं और उन्हें सुख-शांति एवं समृद्धि प्राप्त होती है. नवरात्रि के नौ दिनों में माता के नौ अलग-अलग स्वरुपों की पूजा की जाती है. नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना की जाती है. शारदीय नवरात्रि को मुख्य नवरात्रि माना जाता है.

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हिंदू कैलेंडर के मुताबिक यह त्यौहार हर साल शरद ऋतु में अश्विन शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से शुरू होता है. देशभर में नवरात्रि की धूम रहती है. खासतौर पर बंगाल और गुजरात में इसकी रौनक देखते ही बनती है. आइए हम जानते हैं कि आखिर क्या है नवरात्रि का पौराणिक इतिहास और महत्व.

नवरात्रि का महत्व

हिंदू धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व है. यह त्यौहार साल में दो बार मनाया जाता है. जिन्हें चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि के नाम से जाना जाता है. हिंदू नववर्ष की शुरुआत चैत्र नवरात्रि से मानी जाती है, वहीं शारदीय नवरात्रि धर्म की अधर्म पर और सत्य की असत्य पर जीत का प्रतीक मानी जाती है. धार्मिक मान्यता यह भी है कि साल में इन्हीं नौ दिनों में मां दुर्गा धरती पर अपने मायके आती हैं. ऐसे में इन नौ दिनों को दुर्गा उत्सव के तौर पर सेलिब्रेट किया जाता है. नवरात्रि का त्यौहार देशभर में नौ दिनों तक मनाया जाता है. इस दौरान श्रध्दालु पूरे नौ दिनों तक उपवास भी रखते हैं. पहले दिन कलश स्थापना होती है. वहीं पश्चिम बंगाल में नवरात्रि के आखिरी चार दिनों यानी षष्ठी से नवमी तक दुर्गा उत्सव मनाया जाता है. गुजरात में गरबा नृत्य काफी प्रसिद्ध है.

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