नई दिल्ली: nirjala ekadashi vrat kab hai? ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को निर्जला एकादशी व्रत कहा जाता है। कल यानी 31 जून को निर्जला एकादशी बनाया जाएगा। इस दिन बिना अन्न और जल को ग्रहण किए व्रत रखते हैं और भगवान विष्णु की विधि विधान से पूजा करते हैं।
निर्जला एकादशी व्रत कथा
कथा के अनुसार, एक बार भीम ने वेद व्यास जी से कहा कि बड़े भाई युधिष्ठिर, अर्जुन समेत सभी अनुज एकादशी का व्रत रखने के लिए सुझाव देते हैं। वे भगवान की पूजा और दान तो कर सकते हैं, लेकिन समस्या यह है कि वे किसी भी दिन बिना भोजन के नहीं रह सकते हैं।
निर्जला एकादशी : 31 मई, 2023, बुधवार
एकादशी तिथि प्रारंभ: 30 मई, 1:09 मिनट दोपहर
एकादशी तिथि समाप्त: 31 मई, 1: 45 मिनट दोपहर
पारण का समय: 1 जून, 5:24 से 8:10 बजे सुबह
पारण के दिन द्वादशी तिथि समाप्त होने का समय: 1 जून, 1:40 बजे दोपहर
nirjala ekadashi vrat kab hai? पूरे वर्ष में 24 एकादशी तिथि होती है। इनमें से सभी एकादशी को अलग-अलग नामों से जाना जाता है। एकादशी व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है। पौराणिक कथा के अनुसार निर्जला व्रत को महाबली भीम ने भी किया था, इस वजह से इसे भीमसेनी एकादशी या पांडव एकादशी के नाम से भी जाना जाता है।