भोपालः Vidhan Sabha Chunav 2023 मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनावों को देखते हुए भाजपा और कांग्रेस ने प्रचार अभियान तेज कर दिया है। इस चुनाव में जीत हासिल करने के लिए दोनों दलों का फोकस इस बार युवा वोटर के साथ महिला मतदाताओं पर है। भाजपा ने जहां इन वर्ग के वोटर्स को साधने के लिए बूथ मैनेजमेंट करना शुरू कर दिया हैं। वहीं 2018 के चुनाव के बाद झटका खा चुकी कांग्रेस भी इन वर्गों को लेकर सजग, सतर्क नजर आ रही। क्योंकि 18 से 19 वर्ष के 22.36 लाख नए मतदाता पहली बार इन चुनावों में अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। 2018 के चुनावों में करीब 35 सीटों पर फैसला आठ हजार से भी कम वोटों पर हुआ था। इसलिए दोनों दलों ने फर्स्ट टाइम के साथ बुजुर्ग दिव्यांग और महिलाओं पर फोकस किया है।
इसलिए है भाजपा की इन वर्ग पर नजर
भाजयुमो के प्रदेश अध्यक्ष वैभव पवार बताया कि युवाओं को जोड़ने की योजना पर एक साल पहले से काम चल रहा है। संगठन ने प्रदेश के सभी विधानसभा क्षेत्रों में ‘खिलते कमल’ नाम से कार्यक्रम किया था। इसमें संबंधित क्षेत्र के प्रतिभाशाली और गांव-समाज में प्रभाव रखने वाले युवाओं को सम्मानित किया गया। पिछले साल ही ‘खेलेगा मध्यप्रदेश’ कार्यक्रम किया गया। इसमें क्रिकेट, फुटबॉल, कबड्डी, वॉलीबॉल जैसे खेल आयोजित किए गए। गांव-शहर के खेल प्रेमी युवाओं को संगठन की विचारधारा से जोड़ने की कोशिश हुई। इसके बेहतर परिणाम बाद के कार्यक्रमों में दिखे हैं। 670 बाइक रैलियों के जरिए युवाओं को सरकार की विकास योजनाओं की झलक दिखाई गई।
सूत्रों ने बताया कि चुनाव में भाजयुमो ने संभाग स्तर पर बड़ी रैलियों की योजना बनाई है। इनमें संबंधित संभाग से हजारों युवाओं को बुलाने की तैयारी है। रैलियों में संबोधित करने के लिए भाजयुमो के राष्ट्रीय नेतृत्व के अलावा केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, स्मृति ईरानी जैसे नेताओं को भी बुलाने का कार्यक्रम है।
- मध्यप्रदेश में 64,100 बूथ है। मतदाताओं की संख्या 5.61 करोड़ है। कुछ विधानसभा सीटों पर केवल एक या दो हजार वोट से हार जीत तय होती है। पिछले चुनाव में ऐसी 35 सीट थी जहां फैसला आठ हजार वोट से भी पर हुआ। जहां अंतर कम होता है वहां युवा और बुजुर्ग मतदाता अहम भूमिका निभाते है।
- भाजपा का बूथ मैनेजमेंट देखने वाले लोगों का कहना है कि, घर के बुजुर्ग के वोट डालने से माहौल बनता है। वहीं युवा और पहली बार के वोटर को प्रभावित करना बहुत आसान है।
- प्रदेश में 22 लाख युवा वोटर पहली बार मत डालेंगे। औसतन यह संख्या प्रति विधानसभा करीब 8 हजार होती है। पीएम कई बार फर्स्ट टाइम वोटर को भाजपा के पक्ष के मतदान करने की बात कह चुके है।
- लाडली बहन योजना और महिला आरक्षण बिल पारित होने के बाद पार्टी का फोकस महिला वोटरों पर भी हो गया है।
- भाजपा ने सदस्यता अभियान में 16 हजार से ज्यादा नए सदस्य बनाए। इनमें 65 प्रतिशत महिलाएं है। इनके जरिए भाजपा अन्य महिलाओं तक पहुंचने का प्लान तैयार कर रही है।
- पार्टी ने युवा,महिला, बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाताओं को ध्यान में रखते हुए अलग अलग प्रचार सामग्री भी तैयार की है।
आंकड़े एक नजर में..
- विधानसभा चुनाव 2023 में इस बार एमपी में 5.61 करोड़ मतदाता वोट करेंगे।
- प्रदेश में पुरुष वोटर 2,88,25,607 और महिला वोटर 2,72,33,945 और थर्ड जेंडर 1373 है।
- प्रदेश में 22.36 लाख ऐसे वोटर है जो 18 से 19 वर्ष के है। यह पहली बार मतदान करेंगे।
- जबकि 1 करोड़ 41 लाख वोटर 20 से 29 आयु वर्ग के है।
- प्रदेश में 1 करोड़ 45 लाख वोटर 30 से 39 आयु वर्ग के बीच के है।
- एमपी में 2018 से 2023 के बीच 56,40,978 नए मतदाता जुड़े
- इनमें पुरुषों की संख्या 24,63,213 है। जबकि महिलाएं 31,01,088 है।
- पुरुषों की तुलना में 6,37,875 महिला मतदाता ज्यादा जुड़ी है।
- 60-69 आयु वर्ग के वोटर 43,45,064 है।
- 70-70 आयु वर्ग के वोटरों की संख्या 19,72,260 है।
- 80 प्लस वोटर 6,53,640 है।
कांग्रेस का फोकस पांच गारंटी हर घर तक पहुंचे
Vidhan Sabha Chunav 2023 कांग्रेस युवा के प्रदेश अध्यक्ष विक्रांत भुरिया का कहना है कि, प्रदेश के सभी बूथों पर हमारा संगठन तैयार है। सभी बूथों पर 10 कार्यकर्ताओं की एक टीम तैनात की गई है। इनकी जिम्मेदारी उस बूथ से जुड़े मतदाताओं से संपर्क कर कांग्रेस, उसकी घोषणाओं और वादों की जानकारी देना होगा। ताकि वे कांग्रेस को वोट देने के लिए प्रेरित हो। कांग्रेस ने इस अभियान में उन युवाओं को टारगेट किया है, जो इस चुनाव में पहली बार वोट डालने वाले हैं। युवा कांग्रेस की बूथ समितियों को जो जिम्मा दिया गया है, उनमें फर्स्ट टाइम वोटर की पहचान करना भी शामिल है। इन लोगों से लगातार संपर्क में बने रहने का टास्क भी अलग-अलग टीमों को मिलेगा।