रायपुर: भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष व पूर्व विधायक शिवरतन शर्मा ने राजनांदगांव में कांग्रेस के आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन में पूर्व सीएम भूपेश बघेल पर निशाना साधा. पूर्व जिला पंचायत सदस्य सुरेंद्र दाऊ द्वारा भूपेश बघेल के सामने कांग्रेस के शासनकाल को लेकर खरी खोटी सुनाए जाने पर उन्होंने तीखा कटाक्ष किया है. शर्मा ने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले सत्ता-मद में चूर तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आईना भेजकर जिस राजनीतिक अशिष्टता का परिचय दिया था, अब इस लोकसभा चुनाव से पहले उन्हीं भूपेश बघेल को कांग्रेस के एक नेता ने आईना दिखाया है.
भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष शर्मा ने चुटकी लेते हुए कहा कि समय का चक्र हमेशा घूमता है और अपना बोया खुद को ही काटना पड़ता है. कांग्रेस के कार्यकर्ता सम्मेलन में एक दाऊ ने सच बोलकर दूसरे दाऊ को ऐसा आईना दिखाया है कि रायपुर से उम्मीदवारी की चर्चा से डरकर राजनांदगांव भागे बघेल अब राजनांदगांव से भागे-भागे रायपुर आने के लिए विवश हो रहे हैं.
शर्मा ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री बघेल को अब तो इस सच का सामना करना ही होगा कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के पाँच साल के शासनकाल में कार्यकर्ता घुटते-दबते रहे और अब खुलकर बोल रहे हैं. आंतरिक लोकतंत्र की दुहाई देते नहीं अघाती कांग्रेस की विडंबना देखिए कि सच बोलने वाले दाऊ पर ही अब अनुशासनहीनता की तलवार लटकाई जा रही है. यही कांग्रेस का असली राजनीतिक चरित्र है. जहाँ सच बोलने वालों को किनारे कर उनके राजनीतिक जीवन पर ग्रहण लगा दिया जाता है.
भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष शर्मा ने कहा कि यह प्रकरण साबित करता है कि कांग्रेस पार्टी में सिर्फ़ चाटुकारों और परिक्रमा करने वालों की ही तूती बोलती है. प्रश्न यह है कि हमेशा लोकत्रंत की दुहाई देकर घड़ियाली आँसू बहाने वाली कांग्रेस में क्या अब कहीं लोकतंत्र हैं? जब कांग्रेस कार्यकर्ताओं की पीड़ा पार्टी फोरम में नहीं सुनी जाती तब संचित आक्रोश इसी तरह फूटता है. राजनांगांव के कांग्रेस कार्यकर्ता सम्मेलन में पांच सालों से दबा यह ज्वालामुखी फट पड़ा. छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के पांच साल के शासन में जनता समेत हर वर्ग प्रताड़ित हुआ है. पूरी कांग्रेस पार्टी भ्रष्टाचार और घोटालों में लिप्त रही. खुद तत्कालीन मुख्यमंत्री बघेल सत्ता सुख भोगते रहे, उनको छत्तीसगढ़ की जनता की तकलीफों और विकास कार्यों से कोई सरोकार नहीं था.