शिक्षा विभाग ने इसके लिए प्रस्ताव किया
तैयार, सहायक शिक्षक के सबसे ज्यादा पद
रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार अब प्रदेश के सरकारी स्कूलों के लिए 10 हजार शिक्षकों की सीधी भर्ती करने जा रहा है। शिक्षा विभाग ने इसके लिए प्रस्ताव तैयार कर लिया है। संभावना है कि यह प्रस्ताव हफ्तेभर बाद यानी 6 सितंबर को प्रस्तावित भूपेश बघेल मंत्रिमंडल की बैठक में रखा जाए।
प्रस्ताव कैबिनेट में मंजूर होने के बाद अगले कुछ महीने में भर्ती की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। इससे पहले 2019 में शिक्षकों की सीधी भर्ती के लिए आवेदन मंगवाए गए थे। 14580 पोस्ट के लिए भर्ती प्रक्रिया 3 साल चली और कुछ दिन पहले ही अंतिम काउंसिलिंग भी हो गई।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कुछ दिन पहले ही शिक्षकों की भर्ती को लेकर घोषणा की थी, जिसके अनुरूप प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है। भास्कर को मिली जानकारी के मुताबिक भर्ती में सर्वाधिक पद प्राइमरी कक्षाओं के टीचर्स यानी सहायक शिक्षक के लिए रहेंगे।
इनकी संख्या 5 हजार तक हो सकती है। मिडिल स्कूल के शिक्षकों के पद करीब 3 हजार रहेंगे। हाई व हायर सेकेंडरी स्कूलों में लेक्चरर नियुक्त होंगे, जिनकी संख्या 2 हजार के आसपास रहेगी, अर्थात कुल मिलाकर करीब 10 हजार पदों का प्रारूप तैयार किया गया है।
पिछली भर्ती के बचे हुए 2000 से ज्यादा पद और जुड़ेंगे
सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती के लिए वर्ष 2019 में 14580 पोस्ट निकाले गए थे। इसमें व्याख्याता के 3177, शिक्षक के 5593 और सहायक शिक्षक के करीब 5506 पद थे। इनके लिए वर्ष 2019 में लिखित परीक्षा हुई थी। इसके नतीजे भी उसी वर्ष जारी किए गए। मेरिट के अनुसार उम्मीदवारों को दस्तावेज सत्यापन के लिए बुलाया गया।
तीन साल में छह राउंड की काउंसिलिंग हुई। 11390 उम्मीदवारों को नौकरी मिली। 3190 पद खाली रह गए। इनमें से ज्यादातर पद आरक्षित पद थे। सूत्रों का कहना है कि नई भर्ती में इतने पद तो नहीं, लेकिन यह संभव है कि उसमें से 2 हजार पद जोड़ लिए जाएं। यह यह हुआ तो सरकारी स्कूलों में 10 हजार की जगह लगभग 12 हजार शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया की जाएगी।
आवेदन अगले माह, परीक्षा लेगा व्यापमं
शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक शिक्षक भर्ती के लिए सबसे जरूरी प्रक्रिया भूपेश केबिनेट की मंजूरी है। प्रस्ताव तैयार करने के बाद इसी का इंतजार किया जा रहा है। केबिनेट से मंजूरी मिलते ही भर्ती शुरू करने के निर्देश जारी कर दिए जाएंगे। इसकी पूरी प्रक्रिया तैयार कर ली है।
पता चला है कि केबिनेट से मंजूरी के तुरंत बाद सितंबर में विज्ञापन जारी हो सकते हैं। पिछली बार यानी 2019 की शिक्षक भर्ती के लिए लिखित परीक्षा व्यापमं से आयोजित की गई थी। इस बार भी भर्ती इसी एजेंसी से होने की संभावना है।
इधर, बारिश के बाद जर्जर स्कूलों की 500 करोड़ से मरम्मत
बारिश के मौसम के बाद राज्य भर के जर्जर स्कूलों की मरम्मत 500 करोड़ रुपए से की जाएगी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोमवार को शाला भवनों की मरम्मत एवं रखरखाव के लिए उक्त राशि की मंजूरी भी दे दी है। इन सभी भवनों के मरम्मत का काम नए शिक्षा सत्र जून 2023 से पहले पूरा करने का टार्गेट है।
मुख्यमंत्री बघेल ने मुख्य सचिव अमिताभ जैन को निर्देशित करते हुए कहा है कि मरम्मत कार्य तेजी से करना होगा, जिससे अवरोध के बिना छात्रों की पढ़ाई हो सके। दरअसल, पिछले दिनों मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश व्यापी भेंट- मुलाकात के तहत विधानसभाओं का दौरा किया था।
मुलाकात के दाैरान ग्रामीणों और जन प्रतिनिधियों ने स्कूल भवनों के जर्जर होने की शिकायत की थी। इसकी वजह से छात्रों को होने वाली दिक्कतों की भी जानकारी दी थी। इसके अलावा कई मीडिया रिपोर्ट में भी जर्जर भवनों की समस्या को प्रमुखता से उठाया गया था।
दौरे के दौरान भी मीडिया ने इसे मुख्यमंत्री के सामने रखा था। इसे संज्ञान में लेते हुए मुख्यमंत्री बघेल ने ये निर्देश दिए हैं। बता दें कि लंबे समय से शाला भवनों की मरम्मत की जरूरत थी लेकिन सरकार की तरफ से पर्याप्त राशि का प्रावधान न होने से मरम्मत का काम नहीं हो पाया था।
प्रस्ताव तैयार
सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती के लिए प्रस्ताव तैयार किया गया है, जिसे आने वाली केबिनेट की मीटिंग में रखा जाएगा। इसकी तैयारी कर रहे हैं।
-डॉ. आलोक शुक्ला, प्रमुख सचिव-स्कूल शिक्षा