रायपुर । रायपुर: छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने रविवार को कहा कि कांग्रेस की राज्य इकाई ‘‘एक परिवार की तरह’’ एकजुट है। पार्टी विधानसभा चुनाव जीतती है तो मुख्यमंत्री भूपेश बघेल शीर्ष पद के लिए ‘‘सबसे आगे’’ होंगे और आलाकमान की ओर से लिया गया कोई भी निर्णय सभी को स्वीकार्य होगा। सिंहदेव अंबिकापुर निर्वाचन क्षेत्र से फिर से चुनाव मैदान में हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पद के ढाई-ढाई साल के कार्यकाल की खबरों के बीच बघेल और उन्होंने अपने-अपने समर्थकों की ओर ‘‘जबरदस्त दबाव’’ का दौर देखा था, लेकिन उन्होंने कभी भी इसका शासन-प्रशासन पर किसी भी तरह से प्रभाव नहीं पड़ने दिया।
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सिंहदेव ने एक इंटरव्यू में कहा कि यदि कांग्रेस को केवल पांच साल में किये गये कई कल्याणकारी कार्यों के दम पर विधानसभा चुनाव में दो-तिहाई बहुमत नहीं मिलता है तो उन्हें निराशा होगी। उन्होंने कांग्रेस सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आलोचना करते हुए कहा कि यह बहुत दुखद है कि निर्वाचित शासन के उच्चतम स्तर पर बैठे लोग आरोप लगा रहे हैं।
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उन्होंने कहा, ‘‘उनके पास कार्रवाई करने का पूरा मौका है। एक प्रधानमंत्री या गृह मंत्री से आरोप लगाने की उम्मीद नहीं की जाती है। आपके पास राष्ट्रीय स्तर पर ऐसा तंत्र है जो इस तरह की जांच कर सकता है। उन्होंने ऐसा क्यों नहीं किया।’’ सिंहदेव ने कहा कि उस स्तर पर आरोप लगाना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है और यह प्रधानमंत्री या गृह मंत्री के पद की प्रतिष्ठा के अनुरूप नहीं है। पिछले पांच वर्ष में सरकार के कार्यकाल के दौरान उनके और मुख्यमंत्री बघेल के बीच अनबन की खबरों के बारे में पूछे जाने पर सिंहदेव ने कहा कि ऐसा कोई मतभेद नहीं है।
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यह पूछे जाने पर कि कांग्रेस प्रधानमंत्री के तेजतर्रार अभियान का मुकाबला कैसे करेगी, सिंहदेव ने कहा, ‘‘श्री मोदी मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी या छत्तीसगढ़ के शासन के लिए नहीं लड़ रहे हैं। हमने पिछले पांच वर्ष की लगभग पूरी अवधि में श्री मोदी को छत्तीसगढ़ में नहीं देखा है।” सिंहदेव ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के शीर्ष नेता आते हैं, प्रचार करते हैं, उनमें एक आकर्षण होता है, लोग आते हैं और उन्हें सुनते हैं, लेकिन जब वे वोट करते हैं तो परिपक्व मतदाता इस बात पर गौर करता है कि कौन काम करेगा। सिंहदेव ने यह भी कहा कि संभवत: यह उनका आखिरी चुनाव है। उन्होंने कहा, ‘‘यह वह समय था जब मैं सोच रहा था कि अगली पीढ़ी को आगे आना चाहिए लेकिन हमारे कार्यकर्ताओं की दृढ़ राय थी कि इस बार नहीं। इसलिए मैंने उनकी सलाह, उनकी मांग, उनके फैसले पर गौर किया और चुनाव लड़ने का फैसला किया।’’
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