पश्चिम बंगाल के Darjeeling जिले में बीते 24 घंटे से हो रही भारी बारिश ने तबाही मचा दी है। लगातार मूसलाधार बारिश के कारण कई इलाकों में भूस्खलन की घटनाएं हुईं, जिसमें कई लोगों की मौत हो गई और दर्जनों लोग घायल बताए जा रहे हैं। इस प्राकृतिक आपदा ने पूरे क्षेत्र में दहशत का माहौल पैदा कर दिया है।
Darjeeling में मची तबाही, जनजीवन ठप
लगातार हो रही बारिश ने Darjeeling के कई इलाकों में जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया है। सड़कों पर मलबा भर गया है, कई घरों को भारी नुकसान पहुंचा है और लोग अपने घरों से बाहर निकलने में असमर्थ हैं। प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य तेज़ कर दिया है और प्रभावित इलाकों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।
पीएम मोदी ने जताया गहरा शोक
दार्जिलिंग में हुई इस दर्दनाक घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गहरा शोक जताया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, “दार्जिलिंग में भारी बारिश और भूस्खलन के कारण हुए हादसे से दिल टूट गया है। मैं पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। केंद्र सरकार हर संभव मदद के लिए तैयार है।”
Deeply pained by the loss of lives due to a bridge mishap in Darjeeling. Condolences to those who have lost their loved ones. May the injured recover soon.
The situation in Darjeeling and surrounding areas is being closely monitored in the wake of heavy rains and landslides. We…
— Narendra Modi (@narendramodi) October 5, 2025
राहत-बचाव कार्य में जुटा प्रशासन
स्थानीय प्रशासन, NDRF और SDRF की टीमें मौके पर तैनात हैं। मलबे में फंसे लोगों को निकालने का काम जारी है और राहत सामग्री भी प्रभावित क्षेत्रों तक पहुंचाई जा रही है। सरकार ने मृतकों के परिवारों को आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया है।
Deeply saddened by the tragic loss of lives in Darjeeling due to heavy rains. My thoughts are with the people who lost their loved ones. Praying for the speedy recovery of the injured.
Spoke with MP of Darjeeling, Shri @RajuBistaBJP, and took stock of the situation. Teams of the…
— Amit Shah (@AmitShah) October 5, 2025
लोगों से सतर्क रहने की अपील
मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे तक भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे नदी किनारों और ढलानों से दूर रहें और आपात स्थिति में हेल्पलाइन नंबरों पर संपर्क करें।
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