Ganesh Chaturthi 2023 Date in Hindi हिंदू धर्म में गणेश उत्सव का खास महत्व है। गणेश उत्सव केवल महाराष्ट्र में ही नहीं बल्कि पूरे भारत में बड़े पैमाने पर मनाया जाता है। गणेश चतुर्थी पर लोग भगवान गणेश को नौ दिनों तक पूजा करने के लिए अपने घर लाते हैं और अनंत चतुर्थी के दिन गणपति विसर्जन करते हैं। ऐसा माना जाता है कि गणेश उत्सव के दौरान भगवान गणपति भक्तों के बीच रहते हैं, उनकी चिंताओं को सुनते हैं और सभी बाधाओं को दूर करते हैं। मान्यता है कि इस दौरान घर में गणपति बैठाने से साधक के सारे काम पूरे होते हैं। यहां देखें गणेशोत्सव 2023 कब है और गणेश चतुर्थी 2023 की डेट..
Read More : Jan dhan yojna: अगर आपका भी खाता जनधन में हैं, तो मिलेंगे कई सारे फायदे, बस करना होगा ये काम
Ganesh Chaturthi 2023 Date in Hindi
गणेश चतुर्थी 2023 कब है : हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से गणेश उत्सव की शुरुआत होती है। ये उत्सव पूरे 10 दिन तक चलता है। इस उत्सव का समापन अनंत चतुर्दशी के दिन होता है। गणेश चतुर्थी के दिन श्रद्धालु गणपति को अपने घर लाते हैं। इस वर्ष गणेश उत्सव 19 सितंबर, 2023 को गणेश चतुर्थी से शुरू होगा। वहीं इसका समापन 28 सितंबर 2023 को अनंत चतुर्थी पर होगा। अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश जी का विसर्जन करके भक्त अगली बार बप्पा को फिर से आने का निमंत्रण देते हैं। पूरे 10 दिन बप्पा के भक्त पूरी तरह से गणपति बप्पा की भक्ति में डूबे रहते हैं।
Read More : Vinayak Chaturthi 2023 : विनायक चतुर्थी कल, बन रहे हैं ये दुर्लभ योग, इन राशि वालों पर होगी गणपति की कृपा
गणेश स्थापना 2023 का शुभ मुहूर्त
Ganesh Chaturthi 2023 Date in Hindi इस वर्ष भाद्रपद की शुक्ल पक्ष चतुर्थी का आरंभ 18 सितंबर 2023 को दोपहर 12:39 बजे से हो रही है और 19 सितंबर, 2023 को दोपहर 1:43 बजे समाप्त होगाी। ऐसे में उदयतिथि के अनुसार भगवान गणेश की स्थापना का सबसे उपयुक्त समय 19 सितंबर को सुबह 11:07 से दोपहर 01:34 बजे तक रहेगा। शुभ मुहूर्त में मूर्ती स्थापित करने से शुभ फल प्राप्त होते हैं। यदि आप भी इस बार अपने घर में बप्पा को लाना चाहते हैं तो इस शुभ मुहूर्त पर ही उन्हें स्थापित करें।
गणेश चतुर्थी बप्पा की मूर्ति को कैसे करें स्थापित
अगर इस बार आप घर पर गणेश उत्सव पर भगवान गणपति की स्थापना करना चाहते हैं तो सबसे पहले कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। गणेश चतुर्थी पर गणपति निर्माण से पहले पूजा स्थल को अच्छी तरह से साफ कर लें। फिर पूजा चौकी पर पीला या लाल कपड़ा बिछाएं और उचित समय पर पूर्व दिशा की ओर मुख करके चौकी पर गणेश जी की मूर्ति स्थापित करें। स्थापना के बाद भगवान गणेश पर दूर्वा से गंगाजल छिड़कें और उन्हें हल्दी, चावल, चंदन, गुलाब, मौली, दूर्वा, जनेऊ, मिठाई, मोदक, फल, माला और फूल चढ़ाएं। भगवान गणेश के अलावा शिवजी और मां पार्वती की भी पूजा करनी चाहिए।