जगदलपुर। मानसून ने इस बार तब चौंका दिया जब वह तय तिथि से एक सप्ताह पहले ही बस्तर पहुंच गया। आमतौर पर केरल से मानसून की एंट्री सुकमा के रास्ते हुआ करती थी लेकिन इस बार दक्षिण पश्चिम मानसून महाराष्ट्र से सीधे दंतेवाड़ा पहुंच गया और छत्तीसगढ़ में मानसून पहुंचने की घोषणा हो गई। इस बार के मानसून के साथ एक और बात जुड़ गई और वह है मानसून का मई में आना। मानसून की दस्तक बस्तर समेत समूचे छत्तीसगढ़ में जून के महीने में होती है लेकिन इस बार मई में ही मानसून पहुंच गया। ऐसा 100 साल के बाद हो रहा है।
मौसम वैज्ञानिक इसे शॉकिंग एंट्री भी कह रहे हैं। हालांकि इससे मानसून पर कोई असर पड़ेगा इससे इंकार किया जा रहा है। मानसून आमतौर पर 10 जून तक बस्तर पहुंचा करता था लेकिन इस बार 13 दिन पहले ही 28 मई को बस्तर पहुंच गया। इसके साथ ही मानसून के नौतपा में पहुंचने से तापमान सामान्य से ६ डिग्री सेल्सियस तक नीचे पहुंच चुका है।
बिगड़ सकता है बारिश का पैटर्न, जुलाई में सूखा!
इस बार मानसून के समय से काफी पहुंचने को असमान्य हचलल बताया जा रहा है। कहा जा रहा है कि मानसून की ऐसी एंट्री से बारिश का गणित बिगड़ सकता है। बारिश का यह पैटर्न नुकसानदायक साबित हो सकता है। यह भी कहा जा रहा है कि जुलाई के महीने में सूखे जैसी स्थिति रह सकती हैै। दअसल इस साल बस्तर में गर्मी के प्रमुख दो महीने अप्रैल और मई में भी गर्मी नहीं पड़ी है। इन दो महीनों में पारा 40 डिग्री के नीचे रहा है। ऐसी स्थिति में बारिश के प्रमुख दिनों में बारिश होगी या नहीं इसे लेकर आशंका बनी हुई है।
पिछले दस साल में कब पहुंचा छत्तीसगढ़ मानसून
2015: 13 जून
2016: 18 जून
2017:14 जून
2018: 08 जून
2019: 05 जून
2020: 11 जून
2021: 10 जून
2022: 13 जून
2023: 23 जून
2024: 08 जून