पणजी। शंघाई सहयोग संगठन की बैठक शुरू हो गई है। इस बैठक में शामिल होने आए पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल से भारत के विदेश एस जयशंकर से मिले। इस दौरान भारत ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री से पहले तो नमस्ते करवा दिया। दरअसल, आम तौर पर पाकिस्तान के नेता भारत दौरे पर दुआ की मुद्रा में हाथ उठाते हैं। लेकिन एससीओ की बैठक से पहले इसके सदस्य देशों की अगवानी में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर सभी नेताओं के हाथ जोड़ रहे थे। चीनी विदेश मंत्री किन गांग चीनी मुद्रा में नमस्ते किया वहीं रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने भी नमस्ते किया।
इसके बाद अपने संबोधन में जयशंकर ने पाकिस्तान का बिना नाम लिए उसे आतंकवाद पर जमकर सुना भी दिया। जयशंकर ने कहा कि आज भी आतंकवाद की समस्या बनी हुई है। किसी भी तरह के आतंकवाद को सही नहीं ठहराया जा सकता है और इसे रोकने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए। इसमें सीमापार आतंकवाद भी शामिल है। मीटिंग से पहले जब जयशंकर विदेश मंत्रियों का इंतजार कर रहे थे तो दूर से आते बिलावल को देखते ही उन्होंने दूर से ही हाथ जोड़ा। ऐसा लग रहा था कि बिलावल हाथ मिलाने की मुद्रा में आगे बढ़ रहे थे लेकिन जयशंकर के हाथ जोड़ते ही पाकिस्तानी विदेश मंत्री भी हाथ जोड़ पड़े। जब बिलावल ने हाथ जोड़ा तो जयशंकर दूसरी तरफ देखने लगे। अगर आपने कभी दिवंगत पाकिस्तानी तानाशह परवेज मुशर्रफ को देखा होगा तो वो या तो हाथ मिलाते थे या फिर आदाब वाले अंदाज में हाथ उठाते थे। वहीं नवाज शरीफ भी भारतीय दौरे के दौरान भारतीय नेताओं से हाथ मिलाते थे या फिर आदाब अर्ज करते थे। पर यहां तो बिलावल को जयशंकर ने नमस्ते करवा दिया।
दौरे में पहले क्या होता था
आम तौर पर जब कोई पाकिस्तानी नेता या राष्ट्राध्यक्ष भारत के दौरे पर आते थे तो वो भारतीय नेताओं से हाथ मिलाता था या फिर दुआ के अंदाज में हाथ उठाते थे। लेकिन इस बार SCO की बैठक में भारत ने बिलावल को अपने अंदाज में सलाम-नमस्ते करवा दिया। दरअसल, भारत ने पहले ही कह दिया था कि वो पाकिस्तानी विदेश मंत्री के साथ कोई द्विपक्षीय बातचीत नहीं करने वाला है। इसके बाद बॉडी लैंग्वेज के जरिए भी पाकिस्तानी विदेश मंत्री को सख्त संदेश दे दिया।