नई दिल्लीः PM Modi in Parliament प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब दिया। जैसे ही मोदी ने अपनी स्पीच शुरू की। विपक्ष ने नारेबाजी शुरू कर दी। विपक्ष के नारेबाजी के बीच पीएम मोदी ने निशाना साधते हुए कहा कि ‘हमने दुनिया को दिखा दिया कि ये विश्व का सबसे बड़ा चुनावी अभियान था। देश की जनता ने दुनिया के सबसे बड़े चुनावी अभियान ने हमें चुना है। मैं कुछ लोगों की पीड़ा समझ सकता हूं कि लगातार झूठ चलाने के बावजूद उनकी घोर पराजय हुई। लोकसभा में प्रधानमंत्री के भाषण के दौरान लगाता हंगामा होता रहा। स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि ये ठीक नहीं है।’
PM Modi in Parliament मोदी ने कहा कि सर्वधर्म समभाव को कायम रखते हुए हमने काम करने का प्रयास किया है। देश ने लंबे अर्से तक तुष्टीकरण की राजनीति देखी, तुष्टीकरण का मॉडल भी देखा। हम तुष्टीकरण नहीं, संतुष्टिकरण को लेकर चले। गवर्नेंस की आखिरी व्यक्ति तक पहुंचने की संकल्पना को पूरा करना है। सेचुरेशन सच्चे अर्थ में सामाजिक न्याय होता है, यह सच्चे अर्थ में सेक्युलरिज्म होता है। इसलिए जनता ने हमारी तीसरी सरकार पर मुहर लगा दी है। उन्होंने कहा कि हम जस्टिस फॉर ऑल सिद्धांत को लेकर चले। देश ने हमें 10 साल तक परखा, इसके बाद फिर समर्थन किया। हमें फिर 140 करोड़ देशवासियों की सेवा करने का मौका मिला। चुनाव ने इस बात को सिद्ध किया कि भारत की जनता कितनी परिपक्व है, भारत की जनता कितनी विवेकपूर्ण और कितने उच्चादर्शों को लेकर चलती है। हम देश के सामने नम्रतापूर्वक सेवा करने के लिए उपलब्ध हुए हैं।
मोदी ने कहा- हमने जनकल्याण के लिए आशीर्वाद मांगा
मोदी ने कहा, ‘इस चुनाव में हम जनता के बीच एक बड़े संकल्प के साथ आशीर्वाद मांगने गए थे। हमने आशीर्वाद मांगा था- विकसित भारत के संकल्प और निर्माण के लिए। हमने जनकल्याण के लिए आशीर्वाद मांगा था। लोगों ने हमें फिर से विजयी बनाकर सेवा करने का मौका दिया।’ उन्होंने कहा, ‘जब देश विकसित होता है, तब देश के कोटि-कोटि लोगों के सपने पूरे होते हैं, तब आने वाली पीढ़ियों के लिए एक मजबूत नींव तैयार हो जाती है। हमारे गांव की स्थिति, शहरों की स्थिति में बहुत सुधार होता है, विकास के नए अवसर भी होते हैं। दुनिया की विकास यात्रा में भारत के शहर भी यात्रा करेंगे, ये हमारा सपना है। विकसित भारत यानी कोटि-कोटि नागरिकों के अवसर उपलब्ध होते हैं। वे विकास की नई ऊंचाई प्राप्त कर सकते हैं।’