भोपालः मध्यप्रदेश में आज सीएम मोहन यादव ने दूसरी बार अपने कैबिनेट का विस्तार किया। कांग्रेस छोड़ भाजपा में आए विधायक रामनिवास रावत को मंत्री बनाया गया है। राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने राजभवन में एक संक्षिप्त समारोह में उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई गई। मंत्री पद की शपथ के दौरान रामनिवास रावत से बड़ी गलती हो गई, जिसके कारण दोबारा शपथ ग्रहण का कार्यक्रम कराना पड़ा।
दरअसल रामनिवास रावत को कैबिनेट मंत्री की शपथ लेनी थी। लेकिन, उन्होंने राज्य मंत्री की शपथ ले ली। पहले उनके मुंह से शपथ लेते समय राज्य मंत्री निकल गया। जिसके बाद दोबारा शपथ दिलवाई गई। दूसरी बार शपथ में ‘मध्यप्रदेश राज्य के मंत्री’ बुलवाकर शपथ दिलवाई गयी। अब मोहन कैबिनेट में कुल 31 मंत्री हो गए हैं, 3 मंत्री पद अभी भी खाली हैं।
कौन हैं रामनिवास रावत और क्यों बने मंत्री?
श्योपुर की विजयपुर सीट से विधायक रामनिवास रावत छह बार के विधायक हैं। वह उमंग सिंघार को नेता प्रतिपक्ष बनाने से नाराज थे। इसके बाद उन्होंने लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस छोड़कर भाजपा की सदस्यता ली। मुरैना लोकसभा सीट पर बीजेपी की जीत में अपने क्षेत्र से 35 हजार की लीड दिलाई थी। रावत पहली बार 1990 में विधायक बनें। इसके बाद वह 1993 में दिग्विजय सिंह सरकार में कैबिनेट में जगह मिली। रावत को दो बार विधानसभा चुनाव में हार का भी सामना करना पड़ा है। 64 वर्षीय रावत 2019 में कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में लोकसभा का चुनाव भी लड़ा, लेकिन उनको हार का सामना करना पड़ा। उनके परिवार में पत्नी उमा रावत के अलावा दो बेटे और दो बेटियां है। उनका पेशा वकालत है। उन्होंने बीएससी, एमए, एलएलबी की पढ़ाई की है।
शपथ ग्रहण के 12 दिन हुआ था मंत्रिमंडल का पहला विस्तार
बता दें कि 3 दिसंबर 2023 को मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजे आए थे। 8 दिन बाद 11 दिसंबर को मुख्यमंत्री पद पर डॉ. मोहन यादव और दो उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल, जगदीश देवड़ा का चयन किया गया। इसके 2 दिन बाद 13 दिसंबर को सीएम और दोनों डिप्टी सीएम ने शपथ ली। 12 दिन बाद 25 दिसंबर को मंत्रिमंडल विस्तार हुआ। 28 मंत्रियों को शपथ दिलाई गई। मंत्रिमंडल विस्तार के 5 दिन बाद 30 दिसंबर को मंत्रियों को विभागों का बंटवारा किया गया था।