रायपुर। तिरुपति मंदिर में प्रसादम को लेकर उपजे विवाद के बाद विश्व हिन्दू परिषद ने छत्तीसगढ़ के तमाम मठ-मंदिर और मंदिर ट्रस्टियों को पत्र लिखा है. पत्र में गैर हिंदू से प्रसाद लेन-देन नहीं करने के साथ प्रसाद की जांच करने के बाद ही लेन-देन का आग्रह किया है. वहीं परिषद की ओर से तिरुपति मंदिर के प्रसादम में मिली जानवरों की चर्बी को लेकर एक अक्टूबर को रायपुर में विरोध-प्रदर्शन के बाद दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए मुख्यमंत्री और राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा जाएगा.
नवरात्रि में घी की जांच करने सहित 8 बिंदुओं पर मठ-मंदिर और मंदिर ट्रस्टियों को जारी किए गए पत्र की जानकारी देते हुए आचार्य नीलेश शर्मा ने कहा कि वर्तमान समय में कुछ विधर्मियों द्वारा हमारी आस्था और धर्म के साथ छेड़छाड़ किया जा रहा हैं. हम सब अपने आध्यात्मिक केन्द्रों में शुद्धता के साथ आचार-विचार का पालन करें, इसी आग्रह के साथ विश्व हिन्दू परिषद् की ओर से छत्तीसगढ़ के तमाम मठ-मंदिर और मंदिर ट्रस्टियों को पत्र लिखा गया है.
उन्होंने कहा कि सनातन धर्म में नवरात्रि पर्व शक्ति के जागरण का महापर्व है, हम सब अपनी आस्था और विश्वास के साथ भगवती की उपासना करते हैं. लेकिन जिस प्रकार से तिरुपति बालाजी के प्रसाद और डोंगरगढ़ के प्रसाद को लेकर विवाद सामने आया हैं, उसके बाद प्रदेश के मठ-मंदिरों से किसी भी गैर हिंदू से प्रसाद संबधित लेन-देन नहीं करने, नवरात्रि में घी की जांच करने के बाद ही ज्योत प्रज्ज्वलित करने सहित आस्था से जु़ड़ी अन्य बातों को लेकर आग्रह किया गया है.