CG News रायपुर में वन और जलवायु परिवर्तन विभाग की ओर से दो दिनी छत्तीसगढ़ क्लाइमेट चेंज कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया है। कार्यक्रम की शुरुआत मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने में प्रदेश की भूमिका और भविष्य की कार्य योजनाओं के लिए यह कार्यशाला बहुत उपयोगी साबित होगी। दो दिनी कार्यक्रम में 15 राज्यों और राष्ट्रीय स्तर के कई संस्थानों के प्रतिनिधि ‘अमृत काल में हरियर छत्तीसगढ़’ का मार्ग प्रशस्त करेंगे। कॉन्क्लेव में जलवायु परिवर्तन की वैश्विक चुनौतियों और इसके असर के बारे में देश के जाने-माने विषय-विशेषज्ञ अहम जानकारियां और अनुभव साझा कर रहे हैं।
देश और प्रदेश के सामने भी जलवायु परिवर्तन की चुनौती
CG News मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कॉन्क्लेव को संबोधित करते हुए कहा कि जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल असर के कारण अनियमित वर्षा, लंबे समय तक सूखा, चक्रवाती वर्षा, वर्षा ऋतु के समय में परिवर्तन जैसी चुनौतियां पूरी दुनिया के साथ ही देश और प्रदेश के सामने भी हैं। जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने में प्रदेश की भूमिका और भविष्य की कार्य योजनाओं के लिए यह कार्यशाला बहुत उपयोगी साबित होगी।
सबकी जवाबदारी है कि दुनिया में जलवायु संतुलन ठीक रहे
मुख्यमंत्री ने कहा कि तीस साल के पहले चिंता नहीं थी, लेकिन जिस तरह से प्रकृति के साथ खिलवाड़ हो रहा है, इससे कई विसंगतियां पैदा हो रही हैं। जलवायु परिवर्तन की समस्या दुनिया भर में आई है। उन्होंने कहा कि साल 2015 में पेरिस में एक समझौता हुआ था, जिसमें 196 देश और संस्थाएं (टोली) हैं जो क्लाइमेट चेंज पर चिंतित हैं। सबकी जवाबदारी है कि दुनिया में जलवायु संतुलन ठीक रहे। इसी के तहत ये कॉन्क्लेव हो रहा है। वास्तव में ये चिंता का विषय भी है। प्रयास करेंगे तो हम लोग उसमें सफल होंगे।
कार्यक्रम में वन एवं पर्यावरण मंत्री केदार कश्यप, विधायक अनुज शर्मा और यूके के डिप्टी हाई कमिश्नर डॉ एंड्रयू फ्लेमिंग भी मौजूद रहे। प्रदेश में छत्तीसगढ़ स्टेट सेंटर फॉर क्लाइमेट चेंज एक नोडल बॉडी है, जो प्रदेश में स्टेट एक्शन प्लान ऑन क्लाइमेट चेंज और जलवायु से जुडे़ विषयों पर कार्य करती है।