नई दिल्लीः PM Modi returned to India तीन दिन में दो देशों की यात्रा के बाद पीएम मोदी अब वापस भारत लौट आए हैं। पहले दो दिन रूस फिर एक दिन आस्ट्रिया में पीएम मोदी ने वहां के राष्ट्राध्यक्षों के साथ मुलाकात की और विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। कई मायनों में पीएम मोदी का यह दौरा बेहद अहम रहा। बुधवार को भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “ऑस्ट्रिया का ये मेरा पहला दौरा है जो उत्साह, उमंग मैं यहां देख रहा हूं वो अद्भूत है। 41 साल बाद भारत के किसी पीएम का यहां आना हुआ है।” उन्होंने आगे कहा, “ये इंतजार एक ऐतिहासिक अवसर पर खत्म हुआ है। भारत और ऑस्ट्रिया अपनी दोस्ती के 75 वर्ष मना रहा हैं।” तो चलिए जानते हैं कि पीएम मोदी का ये विदेश दौरा कितना खास रहा।
पुतिन को बताया खास दोस्त
PM Modi returned to India पीएम मोदी और पुतिन अपने-अपने प्रतिनिधिमंडल के साथ भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में शामिल हुए और द्विपक्षीय वार्ता की। पीएम मोदी ने पुतिन को खास दोस्त बताते हुए उन्हें रूस में हुए राष्ट्रपति चुनाव में पांचवीं बार जीत के लिए बधाई दी। रूस-यूक्रेन युद्ध के विषय पर भी पीएम मोदी ने बात की। पीएम मोदी ने कहा, “एक दोस्त के रूप में मैंने हमेशा कहा है कि हमारी आने वाली पीढ़ियों के उज्ज्वल भविष्य के लिए शांति बहुत महत्वपूर्ण है। मैं यह भी जानता हूं कि युद्ध के मैदान पर कोई समाधान संभव नहीं हैं। बम, बंदूक और गोलियों के बीच समाधान और शांति वार्ता सफल नहीं होती। ऐसे में हमें बातचीत के जरिए ही शांति का रास्ता अपनाना होगा।” इस दौरान भारत और रूस ने व्यापार, ऊर्जा, जलवायु और अनुसंधान सहित कई क्षेत्रों में 9 समझौतों पर हस्ताक्षर किए। इस दौरान दोनों देशों के बीच कई बड़ी परियोजनाओं को लेकर सहमति बनी, जिसमें रूस के सहयोग से भारत में 6 नए न्यूक्लियर पावर प्लांट्स बनाने पर भी बातचीत हुई। रूस की परमाणु ऊर्जा एजेंसी रोसाटॉम (Rosatom) इन न्यूक्लियर पावर प्लांट्स को बनाने में भारत की मदद करेगी। बता दें कि रूसी एजेंसी पहले भी कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र (KKNPP) को स्थापित करने में भारत की मदद कर चुकी है।
आस्ट्रिया में पीएम बोले- यह ऐतिहासिक भी है और विशेष भी
ऑस्ट्रिया की राजधानी वियना में पीएम मोदी का गर्मजोशी से स्वागत हुआ। इसके बाद पीएम मोदी ने आभार प्रकट करते हुए कहा, ”मुझे खुशी है कि मेरे तीसरे कार्यकाल की शुरुआत में ही मुझे ऑस्ट्रिया आने का अवसर मिला। मेरा यहां आना ऐतिहासिक भी है और विशेष भी। 41 साल बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री ने ऑस्ट्रिया का दौरान किया है। इसे एक सुखद संयोग ही कहा जाएगा कि यह यात्रा ऐसे समय पर हो रही है, जब हमारे आपसी संबंधों के 75 साल पूरे हुए हैं।” बता दें कि ऑस्ट्रिया भारत से इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिकल उपकरण, मशीनरी, परमाणु रिएक्टर, बॉयलर, रेलवे, वाहन, फुटवियर और इससे जुड़े अन्य सामान, बिना सिले कपड़े, सिले हुए कपड़े, ऑर्गेनिक केमिकल, आयरन और स्टील, कांच और कांच के बने सामान, कालीन, कपास, नमक, सल्फर, मिट्टी, पत्थर, प्लास्टर, चूना, सीमेंट, तांबा, विमान, अंतरिक्ष यान, चिकित्सा उपकरण, खाने योग्य फल, मेवे, खट्टे फल के छिलके और खरबूजे का आयात करता है।