Arvind Kejriwal Arrested नवंबर 2023 से चूहे-बिल्ली के खेल के बाद, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आखिरकार गुरुवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया.
दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा हस्तक्षेप करने और उन्हें कोई सुरक्षा प्रदान करने से इनकार करने के बाद ED ने केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया.
अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद देश में सियासी तूफान खड़ा हो गया है. शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में अरविंद केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई होगी. वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केजरीवाल के परिवार से बात की और आज वह केजरीवाल के परिवार से मिल सकते हैं. आइए इस खबर में वह 4 कारण जानते हैं जिसके कारण अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी हुई है.
1. हाई कोर्ट ने नहीं किया हस्तक्षेप
दिल्ली की एक अदालत द्वारा ED की याचिका के खिलाफ जमानत दिए जाने के बाद अरविंद केजरीवाल उत्साहित थे. लेकिन हाई कोर्ट में उनकी याचिका का कोई नतीजा नहीं निकला. गुरुवार को, जब केजरीवाल ने ‘जबरन कार्रवाई’ से सुरक्षा मांगी तो HC ने हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया. दरअसल, सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू से पूछा कि एजेंसी को अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार करने से कौन रोक रहा है.
Arvind Kejriwal Arrestedराजू ने कहा कि ‘हमने कभी नहीं कहा कि हम गिरफ़्तारी करने जा रहे हैं. आप जांच में शामिल हों, हम गिरफ्तार कर भी सकते हैं और नहीं भी.’ एक घंटे के भीतर, दिल्ली पुलिस और अन्य अधिकारियों के सहयोग से ED की 12 सदस्यीय टीम दिल्ली सीएम के आवास पर पहुंची. तलाशी के बाद मोबाइल फोन और डिजिटल उपकरण जब्त किए गए. रात करीब 9 बजे केजरीवाल को साजिश और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया.
2. कविता की गिरफ्तारी ने दिया संकेत
पिछले हफ्ते ED द्वारा भारत राष्ट्र समिति (BRS) की नेता के कविता की गिरफ्तारी से संकेत मिले कि एजेंसी अरविंद केजरीवाल के खिलाफ भी तेजी से कार्रवाई कर रही है. BRS नेता के खिलाफ निदेशालय के बयान में कहा गया है ‘जांच से पता चला है कि के कविता ने अन्य लोगों के साथ मिलकर दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति-निर्माण और कार्यान्वयन में लाभ पाने के लिए अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया सहित AAP के शीर्ष नेताओं के साथ कथित तौर पर साजिश रची थी. इन एहसानों के बदले में वह कथित तौर पर आप के नेताओं को 100 करोड़ रुपये देने में शामिल थीं.’ ED केजरीवाल का सामना कविता से करा सकती है जो 23 मार्च तक एजेंसी की हिरासत में रहेगी.
3. नौ समनों को किया नजरअंदाज
भले ही ED कथित तौर पर केंद्र सरकार और सत्तारूढ़ भाजपा के इशारे पर काम करने के लिए विपक्ष के निशाने पर रही हो. लेकिन अरविंद केजरीवाल के मामले में कानूनी सलाह से पता चलता है कि जांच टीम ठोस आधार पर थी. अधिकारियों के अनुसार, कानूनी सलाह यह थी कि केजरीवाल ने नौ समन से बचकर अपने लिए स्थिति ख़राब कर ली थी. आप संयोजक ने पहले समन को अवैध और राजनीतिक बताया और फिर कहा कि वह वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सवालों के जवाब देने के लिए उपलब्ध हैं. उन्होंने ईडी से स्पष्टीकरण भी मांगा कि उन्हें किस हैसियत से समन किया जा रहा है. गुरुवार को ईडी ने दिल्ली हाई कोर्ट को बताया कि केजरीवाल को उनकी व्यक्तिगत हैसियत से पूछताछ के लिए बुलाया गया था, न कि आप के राष्ट्रीय संयोजक के तौर पर.
4. केजरीवाल के खिलाफ सबूत
ED ने अपने पिछले आरोप पत्र में तथाकथित साउथ ग्रुप के व्यवसायी समीर महेंद्रू के साथ केजरीवाल की फेसटाइम बातचीत का हवाला दिया था, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर विजय नायर को ‘मेरा लड़का’ कहा था. आप के पूर्व संचार प्रभारी नायर पर शुरू से ही साउथ ग्रुप के साथ मिलीभगत का आरोप है. यह सुनिश्चित करते हुए कि रिश्वत नकद में दी गई थी, और उत्पाद शुल्क नीति इस तरह से तैयार की गई थी कि कथित रिश्वत देने वालों को मुआवजा मिले. साउथ ग्रुप के एक व्यवसायी सरथ रेड्डी ने कथित तौर पर ED को बताया कि नायर ने व्यवसायियों के साथ चर्चा की सुविधा प्रदान की. आरोप है कि समूह और के कविता और साउथ ग्रुप के पक्ष में उत्पाद शुल्क नीति को प्रभावित करने के लिए 100 करोड़ रुपये की राशि का प्रस्ताव रखा था.