Chaitra Navratri 2023: चैत्र नवरात्री के सातवें दिन माता कालरात्रि की पूजा विधि-विधान से की जाती है। धार्मिक धारणा के अनुसार, महासप्तमी तिथि में देवी कालरात्रि की पूजा करने से भय, रोग एवं दोष दूर हो जाते हैं। इसके साथ ही जीवन पर नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव नहीं पड़ता।
माता कालरात्रि की पूजा मुहूर्त:
Chaitra Navratri 2023: सप्तमी तिथि प्रारंभ: 27 मार्च शाम 03 बजकर 57 मिनट से 28 मार्च शाम 05 बजकर 32 मिनट पर।
स्वर योग: 27 मार्च की रात 09 बजकर 50 मिनट से 28 मार्च की रात 10 बजे तक।
माता कालरात्रि का स्वरूप:
Chaitra Navratri 2023: मां दुर्गा को कालरात्रि का रूप शुम्भ, निशुम्भ और रक्तबीज नामक दानव का सर्वनास करने के लिए लेना पड़ा था. माता कालरात्रि का रंग काला होता है. इनके श्वास से आग निकलती है। बाल बड़े और बिखरे हुए गले में हड्डियों की बिजली की तरह चमकती हुई माला. मां के तीन नेत्र ब्रह्मांड की तरह विशाल व गोल हैं। मां के चार हाथ हैं, जिसमें एक हाथ में खडग अर्थात तलवार दूसरे में लौह अस्त्र, तीसरे हाथ अभय मुद्रा में है और चौथा वरमुद्रा में है।
माता कालरात्रि की पूजा विधि:
*स्नान आदि कर साफ स्वच्छ वस्त्र धारण कर लें।
*मां की प्रतिमा को गंगाजल से स्नान कराएं।
*मां को लाल रंग के वस्त्र अर्पित करें।
*मां को स्नान कराने के बाद पुष्प अर्पित करें।
*रोली कुमकुम लगाएं।
*मां को मिष्ठान पंचमेवा पांच प्रकार के फल अर्पित करें।
*मां कालरात्रि को शहद का भोग अवश्य लगाएं।
*मां कालरात्रि का अधिक से अधिक ध्यान करें।
*और अंत में मां की आरती भी करें।