नई दिल्ली। पूर्व भारतीय क्रिकेटर जहीर खान आज अपना 47वां जन्मदिन मना रहे है। भारतीय टीम के लिए अपनी शानदार गेंदबाजी से उन्होंने कई मैच जिताए और लगभग एक दशक तक भारतीय गेंदबाजी की कमान संभाली। साल 2000 में सौरव गांगुली की कप्तानी वाली टीम में उन्होंने डेब्यू किया था. उन्हें खास तौर पर रिवर्स स्विंग के लिए याद किया जाता है।
करियर की ऐसे हुई थी शुरुआत
शिवाजी पार्क जिमखाना के खिलाफ फाइनल मैच में जहीर ने 7 विकेट लेकर खूब सुर्खियां बटौरी थी। इसके बाद जहीर को मुंबई और वेस्ट जोन की अंडर-19 टीम में शामिल किया गया था। भारत के लिए जहीर ने 309 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले हैं। इनमें 92 टेस्ट, 200 वन-डे और 17 टी-20 मैच शामिल हैं। जहीर ने 309 अंतरराष्ट्रीय मैचों में कुल 610 विकेट अपने नाम किए हैं। जहीर खान के नाम टेस्ट में 311, वन-डे में 282 और टी-20 में 17 विकेट दर्ज हैं।
जहीर खान की खास उपलब्धियां
सबसे अधिक विकेट लेने वाला गेंदबाज
जहीर 2003 एकदिवसीय विश्व कप में 20 रन प्रति विकेट के औसत से 11 मैचों में 18 विकेट लेने वाले चौथे सबसे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज थे।
प्लेयर ऑफ द सीरीज
2007 में इंग्लैंड के खिलाफ भारत की जीत में जहीर को ‘प्लेयर ऑफ द सीरीज’ से नामित किया गया था।
विस्डन क्रिकेटर ऑफ द ईयर
2011 विश्व कप के नौ मैचों में 21 विकेट चटकाने वाले जहीर 2008 में विस्डन क्रिकेटर ऑफ द ईयर चुने गए।
2011 में मिला अर्जुन पुरस्कार
साल 2011 भारत को एकदिवसीय विश्व कप में जीत दिलाने के पीछे जहीर खान की महत्वपूर्ण भूमिका रही थी। उन्होंने केवल 9 मैचों में 21 विकेट लिए। वह पाकिस्तान के शाहिद अफरीदी के साथ संयुक्त रूप से सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज बने। खेल में उनके योगदान के लिए उन्हें उसी वर्ष अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
पद्म श्री से हुए थे सम्मानित
71वें गणतंत्र दिवस के मौके पर जहीर खान को पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
संन्यास की घोषणा
पूर्व पेसर जहीर खान ने 15 अक्टूबर 2015 को अंतरराष्ट्रीय और फर्स्ट क्लास क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की थी।
2011 विश्व कप में किया नकल बॉल का इस्तेमाल, वीडियो देखकर की प्रैक्टिस
जहीर ने 2011 विश्व कप में नकल बॉल की शुरुआत की थी। इसका इस्तेमाल उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ क्वार्टर फाइनल में माइकल हसी सहित टूर्नामेंट में महत्वपूर्ण विकेट हासिल करने के लिए किया।
हालांकि, क्रिकेट में नकल बॉल के इस्तेमाल की शुरुआत साउथ अफ्रीका के तेज गेंदबाज चार्ल्स लैंगवेल्ट ने की थी, लेकिन इसका सही फायदा टीम इंडिया के दिग्गज गेंदबाज जहीर खान ने उठाया। लैंगवेल्ट की गेंदबाजी के वीडियो देखकर उन्होंने प्रैक्टिस की. पहली बार 2010 टी-20 वर्ल्ड कप में ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाज डेविड वॉर्नर के खिलाफ किया लेकिन पहली ही गेंद पर उन्हें छक्का पड़ गया।
इसके बाद जहीर ने 6 महीने से ज्यादा समय तक इस गेंद की प्रैक्टिस की और 2011 वर्ल्ड कप में इस्तेमाल किया। पहले उन्होंने इस गेंद से वेस्टइंडीज के बल्लेबाज डेवोन स्मिथ का विकेट चटकाया। फिर क्वार्टर फाइनल मुकाबले में नकल बॉल डालकर खतरनाक बल्लेबाज माइकल हसी का विकेट गिराया था।















