रायपुर : Irregular Employee Protest: छत्तीसगढ़ में शासकीय कार्यालयों में कार्यरत अनियमित कर्मचारी अपनी विभिन्न मांगों को लेकर 13 अप्रैल को नया रायपुर में बड़ा प्रदर्शन करेंगे। यह प्रदर्शन छत्तीसगढ़ प्रगतिशील अनियमित कर्मचारी फेडरेशन के बैनर तले आयोजित किया जाएगा जिसमें हजारों कर्मचारी शामिल हो सकते हैं।
छत्तीसगढ़ प्रगतिशील अनियमित कर्मचारी फेडरेशन की मांगें
नियमितीकरण और स्थायीकरण – कर्मचारियों की स्थायी भर्ती की मांग।
निकाले गए कर्मचारियों की बहाली – पूर्व में निकाले गए कर्मचारियों को फिर से बहाल करने की मांग।
अंशकालीन कर्मचारियों को पूर्णकालिक करना – आंशिक रूप से कार्यरत कर्मचारियों को पूर्णकालिक किए जाने की अपील।
वेतन बढ़ोतरी और सामाजिक सुरक्षा – वेतन वृद्धि और अन्य सरकारी लाभों को लागू करने की मांग।
बजट में प्रावधान की कमी से नाराजगी – सरकार द्वारा बजट में अनियमित कर्मचारियों के लिए कोई प्रावधान नहीं किए जाने को लेकर विरोध।
Irregular Employee Protest: अनियमित कर्मचारी लंबे समय से सरकार से स्थायीकरण की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि सरकार चुनावों के दौरान वादे तो करती है, लेकिन उन्हें पूरा नहीं किया जाता। इस बार का प्रदर्शन व्यापक स्तर पर होगा, जिसमें राज्यभर से कर्मचारी भाग लेंगे। फेडरेशन के नेताओं का कहना है कि यदि सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती है, तो वे अपने आंदोलन को और उग्र करेंगे। उन्होंने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर जल्द समाधान नहीं निकला तो वे आगे और बड़े कदम उठाने को मजबूर होंगे।
“अनियमित कर्मचारी” कौन होते हैं?
अनियमित कर्मचारी वे होते हैं जो सरकारी विभागों में अस्थायी, संविदा या दैनिक वेतनभोगी रूप में कार्यरत होते हैं, लेकिन उन्हें स्थायी कर्मचारी का दर्जा नहीं मिलता।
क्या “नियमितीकरण” से सभी अनियमित कर्मचारियों को स्थायी नौकरी मिलेगी?
अगर सरकार नियमितीकरण नीति लागू करती है, तो कुछ शर्तों के आधार पर अनियमित कर्मचारियों को स्थायी किया जा सकता है, लेकिन यह पूरी तरह से सरकारी निर्णय पर निर्भर करेगा।
“13 अप्रैल को नया रायपुर में प्रदर्शन” का उद्देश्य क्या है?
इस प्रदर्शन का मुख्य उद्देश्य सरकार पर दबाव बनाना है ताकि अनियमित कर्मचारियों को स्थायी किया जा सके और उनकी अन्य मांगें पूरी की जा सकें।
“अनियमित कर्मचारियों” के लिए बजट में प्रावधान क्यों जरूरी है?
अगर सरकार बजट में इनके लिए प्रावधान रखती है, तो वेतन, सामाजिक सुरक्षा और स्थायीकरण जैसी मांगों को पूरा किया जा सकता है।
क्या इस आंदोलन से सरकारी सेवाओं पर कोई असर पड़ेगा?
अगर बड़ी संख्या में कर्मचारी काम बंद कर धरने पर बैठते हैं, तो इससे सरकारी कार्यालयों के कामकाज पर असर पड़ सकता है।