वाशिंगटन। हाल में अमरीका की एक टेक कंपनी ने भारत से काम कर रहे कई कर्मचारियों को सिर्फ चार मिनट की वर्चुअल कॉल में निकाल दिया।
एक कर्मचारी ने सोशल मीडिया फोरम रेडिट पर अनुभव साझा करते हुए लिखा कि सुबह 9 बजे वह रोज की तरह लॉगिन हुआ था। 11 बजे सीओओ की ओर से वर्चुअल मीटिंग का निमंत्रण आया। मीटिंग शुरू होते ही सभी कैमरे और माइक बंद कर दिए व अचानक घोषणा हुई, ‘भारतीय वर्कफोर्स को तुरंत हटाया जा रहा है।’ बताया गया कि छंटनी परफॉर्मेंस से नहीं, बल्कि आंतरिक पुनर्गठन का हिस्सा है। इसके बाद सोशल मीडिया पर कंपनियों के इस तरह के बर्ताव की व्यापक निंदा हुई।
छंटनी में टूटा अनन्या का ‘अमरीकन ड्रीम
अमरीकी कंपनियों में छटनी की गाज सबसे पहले विदेशियों पर गिर रही है। ऐसे ही एक भारतीय लड़की अनन्या जोशी की अमरीका से दुबई के लिए आंसू भरी आंखों से विदाई ने इंटरनेट पर खूब सुर्खियां बटोरी। 2024 में नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी से बायोटेक्नोलॉजी में मास्टर्स पूरा करने के बाद उसने ’एफ-1 ओपीटी प्रोग्राम’ के तहत बायोटेक स्टार्टअप में नौकरी शुरू की लेकिन कंपनी की ’डाउनसाइजिंग’ में उनकी नौकरी चली गई। कई इंटरव्यू के बावजूद नौकरी नहीं मिली और सख्त नियमों के मुताबिक उसे अमरीका छोड़ना पड़ा।















