US Tariffs: कोरोना से भी गंभीर खतरा, भारत के लिए चेतावनी
अमेरिका द्वारा लगाए गए US Tariffs के प्रभाव को लेकर अर्थशास्त्रियों ने चेतावनी दी है कि ये सिर्फ व्यापार पर ही नहीं बल्कि वैश्विक अर्थव्यवस्था पर भी गंभीर असर डाल सकते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना महामारी से हुई आर्थिक चोट की तुलना में, ये टैरिफ भारत जैसे उभरते देशों पर और अधिक भारी प्रभाव डाल सकते हैं।
भारत पर सबसे बड़ा असर
विशेषज्ञों के अनुसार, भारत पर US Tariffs का असर कई सेक्टरों में महसूस किया जा सकता है:
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आयात-निर्यात पर दबाव: अमेरिकी बाजार में भारतीय वस्तुओं की मांग प्रभावित हो सकती है।
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वित्तीय बाजार में अस्थिरता: शेयर और मुद्रा बाजार में उतार-चढ़ाव बढ़ सकता है।
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उद्योग और रोजगार: विशेषकर टेक्सटाइल, आईटी और फार्मास्यूटिकल सेक्टर पर दबाव पड़ेगा।
अर्थशास्त्री की चेतावनी
अर्थशास्त्री चेतावनी देते हैं कि US Tariffs केवल अमेरिका-भारत व्यापार तक सीमित नहीं हैं। इससे वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला प्रभावित हो सकती है। इसके अलावा, कच्चे माल की कीमतें बढ़ने और उत्पादन लागत में इज़ाफा होने की संभावना है।
“अगर भारत समय पर रणनीति नहीं अपनाता, तो अमेरिकी टैरिफ का असर भारतीय अर्थव्यवस्था पर गहरा और दीर्घकालिक हो सकता है,” एक वरिष्ठ अर्थशास्त्री ने कहा।
संभावित समाधान और तैयारी
विशेषज्ञ सुझाव दे रहे हैं कि भारत को:
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निर्यातकों के लिए नए बाजार तलाशने चाहिए।
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उत्पादन लागत कम करने और वैकल्पिक आपूर्ति श्रृंखला विकसित करनी चाहिए।
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घरेलू उद्योगों को प्रोत्साहन देकर आर्थिक स्थिरता बनाए रखनी चाहिए।















