Anti Black Magic Bill: देशभर में आए दिन काला-जादू करने के कई मामले सामने आते रहते हैं। ऐसे में अगर आप भी काला जादू करना जाने हैं तो ये खबर आपके लिए बड़े काम आने वाली है। बता दें कि अब काला जादू करने पर 7 साल तक जेल की सजा के साथ 50 हजार रुपए का जुर्माना देना पड़ेगा। इसके लिए गुजरात विधानसभा में “एंटी ब्लैक मैजिक’ बिल पास कर दिया गया है। इस बिल के मुताबिक, राज्य में नरबलि, अघोरी करतब और काला जादू करने वालों के खिलाफ कड़ी सजा देने का कानून बनाया गया है। ऐसे दावों के जरिये लोगों को बहलाने वालों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।
विधानसभा में 64 साल बाद पास हुआ बिल
बता दें कि गुजरात विधानसभा में 64 साल बाद सर्वसम्मति से मानव बलि और अन्य अमानवीय, दुष्ट व नृशंस प्रथाओं की रोकथाम के लिए एंटी ब्लैक मैजिक बिल पास हुआ है। “एंटी ब्लैक मैजिक’ बिल के तहत इन अमानवीय प्रथाओं में कुशल होने का दावा करने वाले या इनके जरिये भोले- भाले लोगों को बहकाने की कोशिश करने वालों को कड़ी सजा दिए जाने का कानून बनाया गया है। गुजरात विधानसभा ने बुधवार को सर्वसम्मति से ‘गुजरात मानव बलि और अन्य अमानवीय, दुष्ट और अघोरी प्रथाओं और काले जादू की रोकथाम और उन्मूलन विधेयक- 2024’ को पारित किया, जिसका उद्देश्य लोगों को ऐसे धोखेबाजों के आपराधिक कामों से बचाना है, जो अलौकिक शक्तियां होने का दावा करते हैं।
आस्था और अंधविश्वास के बीच बताया अंतर
इस बिल में आस्था और अंधविश्वास के बीच के अंतर को अच्छी से बताया गया है। इस कानून में मानव बलि, क्रूर प्रथाएं, काला जादू और दूसरे अमानवीय और बुरे कृत्यों के संचालन, प्रचार, प्रसार को अपराध की श्रेणी में शामिल किया गया है। अगर कोई व्यक्ति किसी को रस्सी या जंजीर से बांधकर, छड़ी या कोड़े से पीटकर, मिर्च का धुआं करके या बालों से छत से लटकाकर, या शरीर पर गर्म वस्तुएं डालकर या शराब पिलाकर भूत, चुड़ैल या बुरी आत्मा को शरीर से बाहर निकालना का दावा करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
6 महीने से 7 साल तक की होगी सजा
गुजरात सरकार ने कहा कि इस कानून के नियमों को तोड़ने वाले लोगों को जेल की सजा का सामना करना पड़ेगा, जो छह महीने से कम नहीं होगी और सात साल तक बढ़ सकती है। इसके साथ ही इन लोगों पर जुर्माना भी लगेगा, जो 5,000 रुपये से कम नहीं होगा और 50,000 रुपये तक बढ़ सकता है. गुजरात विधानसभा द्वारा सर्वसम्मति से पारित किए गए इस विधेयक में कहा गया है कि सरकार इस अधिनियम को अधिसूचित किए जाने के 30 दिनों के भीतर इसके लिए नियम बनाएगी. इस कानून के तहत दर्ज किए गए अपराध गैर-जमानती होंगे।